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ये काम वाली बाइयां

झूठ बोलते हुए उनकी जबान नहीं थरथराती और न ही वे इस बात की परवाह करती हैं कि उनका कथन सफेद झूठ की प्रतीति दे रहा है। उनके पास पोटली भर झूठ है। कुछ ऑलटाइम इस्तेमाल योग्य और कुछ खास हालात में संकटमोचक...

ये काम वाली बाइयां
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 04 Sep 2015 09:28 PM
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झूठ बोलते हुए उनकी जबान नहीं थरथराती और न ही वे इस बात की परवाह करती हैं कि उनका कथन सफेद झूठ की प्रतीति दे रहा है। उनके पास पोटली भर झूठ है। कुछ ऑलटाइम इस्तेमाल योग्य और कुछ खास हालात में संकटमोचक बनने लायक। छुट्टी के बाद अगले दिन गुस्से, तानों और धमकियों के साथ आक्रमण के लिए तैयार बैठी गृह-स्वामिनियों का सामना वह अकेली, मरियल, निहत्थी कामवाली झूठ की इसी पोटली के सहारे कर जाती है।

दांत-दर्द व घुटने में सूजन से लेकर बच्चे का हाथ जल गया या ससुर, देवर या मौसी मर गई तक न जाने कितने सारे कारण हैं, जो वह पेश कर सकती है। बीच-बीच में घर की छत टपकने से लेकर पति ने मारा, बेटी गली में गुम हो गई तक की वेरायटी के बहानों की लिस्ट से मौकानुसार कोई भी रीजन पेश करना पड़ सकता है उसे।

अब यह आप पर है कि उसके अवकाश के कारणों की गहराई में जाकर दो-चार प्रतिप्रश्न पूछकर आपको लज्जित, क्रोधित या मूर्ख फील करना है या उस कारण को सत्यवचन मानकर ईश्वर का शुक्रिया अदा करना है कि दुख की बदली छंट गई। मैं तो इस कल्पना से ही असहज हो जाती हूं कि छुट्टी के बाद काम पर लौटी हूं और अपने एम्प्लॉयर को ऑफिस न आने के कारण के तौर पर कोई भरोसे का लगने वाला बहाना बता रही हूं, जबकि छुट्टी मैंने सिंपली इसलिए थी, क्योंकि मुझे काम पर जाने की तबीयत ही नहीं हो रही थी। इसी कल्पना-जनित सीख के साये में मैं कामवाली बाई से न आने का कारण पूछती ही नहीं हूं।
नीलिमा चौहान की फेसबुक वॉल से

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