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अल्मोड़ा के बग्वालीपोखर बिंता क्षेत्र में लगे विवादित पोस्टर

विधान सभा चुनावों में विवादित पोस्टरों के माध्यम से प्रशासन को परेशान कर चुके कथित संगठन ने इस बार प्रदेश में चल रहे शराब विरोधी आंदेालन के माध्यम से क्षेत्र में अपनी उपस्थिति का अहसास कराने की कोशिश...

अल्मोड़ा के बग्वालीपोखर बिंता क्षेत्र में लगे विवादित पोस्टर
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 23 Apr 2017 05:20 PM
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विधान सभा चुनावों में विवादित पोस्टरों के माध्यम से प्रशासन को परेशान कर चुके कथित संगठन ने इस बार प्रदेश में चल रहे शराब विरोधी आंदेालन के माध्यम से क्षेत्र में अपनी उपस्थिति का अहसास कराने की कोशिश शुरू कर दी है।

इसबार द्वाराहाट क्षेत्र के विंता, बग्वालीपोखर के विभिन्न क्षेत्रों में विवादित नारे लिखे है। कहने को इन नारों में शराब का विरोध किया गया है लेकिन संगठन की जगह प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी लिखा गया है। विवादित पोस्टरों में शराब की दुकानों में धावा बोलकर आग लगाने जैसी विवादित टिप्पणियां लिखी गयी है। द्वाराहाट क्षेत्र में इस प्रकार के पोस्टर लगे होने के बाद हरकत में आये प्रशासन और राजस्व टीम ने मौके पर पहुंच इन पोस्टरों को हटा दिया। खूफिया एजेंसिया भी सतर्क हो गयी हैं। इस क्षेत्र में प्रतिबंधित संगठन के जोनल कमेटी द्वारा जारी पर्चे भी फेंके गये हैं। जिसमे शराब विरोधी आंदोलनों को पूर्ण समर्थन देने और नशा हटने तक संघर्ष जारी रखने की बात कही गयी है। विधानसभा चुनाव के दौरान भी इसी प्रकार की विवादित गतिविधियों ने प्रशासन को काफी परेशान किया था तब सोमेश्वर विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न हिस्सो में इस प्रकार की घटनाएं प्रकाश में आयी थी।

जानकारी के अनुसार रविवार की सुबह क्षेत्रवासियों ने राजस्व पुलिस और प्रशासन को विभिन्न क्षेत्रों में दिवारों मे लिखे गए नारों और फेंके गये पर्चों की जानकारी दी। जानकारी मिलने के बाद राजस्व और पुलिस की टीमे मौके पर पहुंच गयी। यह पर्चे और दिवार लेखन का कार्य बग्वालीपोखर के कामा एएनएम सेंटर, और डीडाशेरा श्यमशान घाट मे भी पर्चे फैंके गये थे। जबकि दीवारों पर नारे लिखे गये थे। इसके अलावा बिंता चैराहे में भी पर्चे मिले। घटना की जानकारी मिलने पर खुफियां तंत्र और प्रशासन हरकत में आ गया। तत्काल पर्चों को बरामद करने के साथ ही दिवारों पर लिखे विवादित नारो को मिटा दिया गया। बग्वालीपोखर क्षेत्र पुलिस के अधीन है, जबकि कामा और डीडीशेरा राजस्व पुलिस के पास है। प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए गहन छानबीन शुरू कर दी है। एसडीएम गौरव चटवाल ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच की जा रही है।

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