ट्यूमर के इलाज का 200 साल पुराना तरीका ही निकला कारगर
ब्रिटेन के चिकित्सकों ने ट्यूमर के इलाज की 200 साल पुरानी एक पद्धति को कारगर माना है। यह इलाज पैर की हड्डियों में बने ट्यूमर के बारे में है। रॉयल मार्सडेन अस्पताल के चिकित्सकों ने जॉन हंटर म्यूजियम...
ब्रिटेन के चिकित्सकों ने ट्यूमर के इलाज की 200 साल पुरानी एक पद्धति को कारगर माना है। यह इलाज पैर की हड्डियों में बने ट्यूमर के बारे में है। रॉयल मार्सडेन अस्पताल के चिकित्सकों ने जॉन हंटर म्यूजियम में रखे एक सैंपल का अध्ययन कर यह निष्कर्ष निकाला। उन्होंने कहा कि शताब्दी पुराने इस सैंपल से यह जानने में मदद मिली कि समय के साथ कैंसर के संक्रमण में किस तरह के बदलाव आते हैं।
डॉ. क्रिस्टीना मेसियु ने कहा कि यह सैंपल वर्ष 1786 में जांघ की हड्डियों में ट्यूमर का इलाज कराने आए एक व्यक्ति का है। इसमें हड्डियों के साथ एक हिस्सा तेजी से बाहर की ओर उभर आया था। उन्होंने संक्रमित पैर को काट दिया लेकिन मरीज की सात हफ्तों बाद मौत हो गई।
चिकित्सकों ने कहा कि बाद में उसके पोस्टमॉर्टम में पाया गया कि ट्यूमर का संक्रमण उसके फेफड़े और हृदय तक पहुंच गया था। लिहाजा उस समय चिकित्सकों ने इलाज की जो पद्धति अपनाई थी, वर्तमान स्थिति में भी उसी तकनीक पर इलाज किया जाना संभव होता।