फोटो गैलरी

Hindi Newsरिसर्च: विशेष प्रोटीन की मदद से संभव है अल्जाइमर और पार्किंसन बीमारियों का इलाज

रिसर्च: विशेष प्रोटीन की मदद से संभव है अल्जाइमर और पार्किंसन बीमारियों का इलाज

वैज्ञानिकों ने अपनी नई खोज में बताया कि कोशिकाओं में पाए जाने वाले सिर्फ एक विशेष प्रोटीन की मदद से मस्तिष्क संबंधी अल्जाइमर और पार्किंसन बीमारियों का इलाज संभव होगा। शोध में कहा गया कि ये बीमारियां...

रिसर्च: विशेष प्रोटीन की मदद से संभव है अल्जाइमर और पार्किंसन बीमारियों का इलाज
एजेंसीTue, 27 Dec 2016 08:15 PM
ऐप पर पढ़ें

वैज्ञानिकों ने अपनी नई खोज में बताया कि कोशिकाओं में पाए जाने वाले सिर्फ एक विशेष प्रोटीन की मदद से मस्तिष्क संबंधी अल्जाइमर और पार्किंसन बीमारियों का इलाज संभव होगा। शोध में कहा गया कि ये बीमारियां मस्तिष्क में प्रोटीन की गड़बड़ी के चलते प्रभावी होती हैं। ये प्रोटीन गलत तरीके से तंत्रिका कोशिकाओं में एकत्र होकर उन्हें नष्ट कर देते हैं। 
अमेरिका के ग्लैडस्टोन इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने कहा कि एनआरएफ2 नाम के विशेष प्रोटीन की निश्चित मात्रा इन कोशिकाओं को मृत होने से बचाती है।

शोधकर्ताओं ने इस प्रोटीन को पार्किंसन बीमारी से पीड़ित दो तरह की कोशिकाओं पर परीक्षण किया। पहला जिसमें एलआरआरके2 प्रोटीन का उत्परिवर्तन हुआ था जबकि दूसरा ए-साइन्यूक्लीन था। जब इन दोनों कोशिकाओं पर एनआरएफ2 प्रोटीन को सक्रिय कराया गया तो इसने दोनों कोशिकाओं को ठीक उसी प्रकार साफ कर दिया, जैसे घर की सफाई की जाती है और संक्रमित कोशिकाओं से एलआरआरके2 व ए-साइन्यूक्लीन को बाहर कर दिया। 
शोध को नेशनल अकादमी ऑफ साइंसेज के जर्नल में प्रकाशित किया गया है। 

अब तक का सबसे प्रभावी शोध
ग्लैडस्टोन इंस्टीट्यूट के शोधकर्ता जिया स्कीबिन्स्की ने कहा कि एनआरएफ2 जीन की अभिव्यक्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वह प्रोटीन का नियंत्रण किस स्तर तक करता है। कहा कि एनआरएफ2 पार्किंसन बीमारी की कोशिकाओं पर बड़ा प्रभाव डालता है और अब तक ज्ञात सभी चीजों की अपेक्षा बेहतर तरीके से कोशिकाओं की सुरक्षा करता है। शोधकर्ताओं ने इसका परीक्षण चूहों और मानव कोशिकाओं पर किया, जिसमें यह समान रूप से प्रभावी रहा है। 

दवाओं से ज्यादा बेहतर
ग्लैडस्टोन के एक अन्य शोधकर्ता स्टीवन फिंकबीनर ने कहा कि तंत्रिकीय क्षरण वाली बीमारी पर इस तरह के इलाज से मैं काफी उत्साहित हूं। हमने एनआरएफ2 का परीक्षण पार्किंसन और अल्जाइमर जैसी बीमार कोशिकाओं पर किया और यह अब तक का सबसे प्रभावकारी परीक्षण रहा। कहा कि एनआरएफ2 के बेहतर प्रभाव को देखते हुए हम इसके प्रोटीन नियंत्रण के गुण को समझने की कोशिश कर रहे हैं। इस गुण का पता लगाकर इसका इस्तेमाल किसी दवा की अपेक्षा ज्यादा बेहतर रूप से किया जा सकता है। साथ ही इसकी मदद से कोशिकाओं को स्वस्थ बनाने की तरकीब भी खोजी जा रही है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें