बांग्लादेश में हरकत उल जिहाद के सरगना की फांसी पर मुहर
बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट ने ब्रिटिश उच्चायुक्त पर जानलेवा हमले मामले में तीन आतंकियों की मौत की सजा पर मुहर लगा दी है। इसमें आतंकी संगठन हरकत उल जिहाद का सरगना मुफ्ती अब्दुल रहमान शामिल है। अब...
बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट ने ब्रिटिश उच्चायुक्त पर जानलेवा हमले मामले में तीन आतंकियों की मौत की सजा पर मुहर लगा दी है। इसमें आतंकी संगठन हरकत उल जिहाद का सरगना मुफ्ती अब्दुल रहमान शामिल है। अब तीनों को किसी भी वक्त फांसी पर लटकाया जा सकता है।
रहमान और उसके साथियों ने राजदूत अनवर चौधरी पर 21 मई 2004 को ग्रेनेड हमला किया था। इसमें तीन लोग मारे गए थे, जबकि उच्चायुक्त समेत 50 लोग घायल हुए थे। निचली अदालत ने तीनों आरोपियों को 2008 में फांसी की सजा सुनाई थी। अटार्नी जनरल महबूब आलम ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार सिन्हा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने दोषियों की अपील ठुकरा दी।
अदालत का यह फैसला ऐसे वक्त आया है, जब देश में आतंकवाद का खतरा बढ़ता जा रहा है। आईएस देश में अपने पैर पसारने का प्रयास कर रहा है। पिछले दो दिनो में सुरक्षाबलों ने दो आईएस आतंकियों को मार गिराया है। जुलाई 2016 में ढाका कैफे में हुए आईएस के हमले में 22 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर विदेशी थे। पुलिस ने पिछले एक साल में अभियान चलाकर करीब 50 आतंकियों को ढेर किया है। इसमें कई महिलाएं भी शामिल हैं।
हरकत उल जिहाद कई हमलों में शामिल
हरकत उल जिहाद पर बांग्लादेश में कई हमलों का आरोप रहा है। इसमें 2004 में नेता विपक्ष के तौर पर शेख हसीना की रैली में बम धमाके का मामला भी है। हसीना अब प्रधानमंत्री हैं। इस धमाके में 23 लोग मारे गए थे और हसीना बाल-बाल बच गई थीं। समूह ने 2001 में बंगाली नववर्ष के उत्सव के दौरान भी बम धमाका किया था, जिसमें दस लोग मारे गए थे।