सूचनाएं साझा करने से निपटेगा काला धन का मुद्दा
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वैश्विक स्तर पर वित्तीय सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान की व्यवस्था के लिए साझा रिपोर्टिग मानकों के तुरंत क्रियान्वयन पर जोर दिया है। वहीं, उन्होंने भारत सरकार द्वारा पिछली...
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वैश्विक स्तर पर वित्तीय सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान की व्यवस्था के लिए साझा रिपोर्टिग मानकों के तुरंत क्रियान्वयन पर जोर दिया है। वहीं, उन्होंने भारत सरकार द्वारा पिछली तिथि से कराधान कानून के इस्तेमाल को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, इस पर स्थायी कानून बनाना संभव नहीं है। भविष्य में कोई सरकार ऐसा जोखिम उठाती है, तो उसे इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।
जेटली ने वाशिंगटन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की गर्मियों में होने वाली सलाना बैठक में कहा, विदेशों के जरिए कर अपवचंन और अवैध धन के प्रवाह की समस्या है। इससे विभिन्न देशों के बीच वित्तीय लेखाओं से जुड़ी सूचनाओं के आदान-प्रदान से ही निपट सकते हैं। जिन देशों ने 2017 अथवा 2018 की समय सीमा में इसे करने की प्रतिबद्धता नहीं जताई है, वह बिना देरी के इसे करें। उन्होंने कहा, वैश्विक स्तर पर एक निगरानी फोरम हो, जो इसके प्रभावी क्रियान्वयन पर नजर रखेगा।
दूसरी ओर, कर मुद्दे पर उन्होंने कहा कि पिछली तिथि से कर लगाने के मुद्दे पर मेरा मानना है कि इसमें भारत का वर्ष 2011 का अनुभव काफी खराब रहा है। भविष्य में कोई सरकार ऐसा जोखिम उठाती है, तो उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। उन्होंने कहा, मैं संसद की प्रभुसत्ता को नहीं लांघ सकता। मैं ऐसा कोई कानून नहीं ला सकता, जिसमें यह कहा जाए कि भारतीय संसद को पिछली तिथि से कानून बनाने का अधिकार नहीं है। जेटली ने जलवायु परिवर्तन मुद्दे पर कहा कि भारत इससे उत्पन्न खतरे से लड़ने में अपनी भूमिका निभाने को तैयार है। विश्व समुदाय को भी हरित प्रौद्योगिकियों का विकास युद्धस्तर पर करने की जरूरत है।
आर्थिक झटके सहने की क्षमता मजबूत -
वित्त मंत्री ने कहा कि व्यापक आकार वाला बाजार होने से अंतरराष्ट्रीय झटकों को सहने की भारत की क्षमता काफी मजबूत है। हमारा विश्वास है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बाजार में रुपया अपने वास्तविक मूल्य अथवा अपनी मजबूती को हासिल कर लेगा।