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शौचालय बनाने की आपाधापी में पर्यावरण का ख्याल नहीं

नगर निकायों द्वारा शौचालय बनाने की आपाधापी में पर्यावरण का भी ख्याल नहीं रखा जा रहा है। जमशेदपुर अक्षेस की ओर से नदी किनारे बनाए जा रहे तेरह सामुदायिक शौचालय इसके ताजा उदाहरण हैं। भले ही इन शौचालयों...

शौचालय बनाने की आपाधापी में पर्यावरण का ख्याल नहीं
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 21 Apr 2017 03:58 PM
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नगर निकायों द्वारा शौचालय बनाने की आपाधापी में पर्यावरण का भी ख्याल नहीं रखा जा रहा है। जमशेदपुर अक्षेस की ओर से नदी किनारे बनाए जा रहे तेरह सामुदायिक शौचालय इसके ताजा उदाहरण हैं। भले ही इन शौचालयों में सोख्ता के तौर पर सेप्टिक टैंक बनाए जा रहे हैं। लेकिन, देर-सबेर नदी का जल प्रदूषित होना तय है।

पांच करोड़ होंगे खर्च : सामुदायिक शौचालय दो मंजिला बनाए जा रहे हैं, जो दस सीटर होंगे। एक सामुदायिक शौचालय के निर्माण पर 23 लाख 97 हजार रुपये खर्च आ रहा है। इस तरह कुल बीस शौचालयों के निर्माण पर चार करोड़ 94 लाख 2 हजार रुपये खर्च किए जा रहे हैं। कर्मचारी के लिए एक कमरा अलग से बनाया जा रहा है।

नदी किनारे यहां बन रहे सामुदायिक शौचालय : सोनारी के निर्मल नगर, भुइयांडीह में पांडेय घाट, बारीडीह, बाबूडीह लाल भठ्ठा, भुइयांडीह घाट, स्वर्णरेखा घाट, दोमुहानी घाट, सब स्टेशन कदमा घाट, सती घाट, शास्त्रीनगर, बेलीबोधनवाला घाट, पार्वती घाट, कान्हू भठ्ठा, मनीफीट की मछुआ बस्ती, काशीडीह में लाइफ लाइन के पीछे, जोजोबेड़ा, कालिन्दी बस्ती, संडे मार्केट बिरसानगर, गोलमुरी पुलिस लाइन स्लम बस्ती, बर्मामाइंस टीना शेड बस्ती।

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