हेल्थ एप डेवलप कर रहा है विभाग : डॉ. सुमंत मिश्र
राज्य की बड़ी आबादी बेहतर स्वास्थ्य सेवा से महरूम है। सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है। विशेषज्ञ डॉक्टर ग्रामीण क्षेत्रों में नौकरी करने से कतराते हैं। नक्सल क्षेत्रों में जाना नहीं...
राज्य की बड़ी आबादी बेहतर स्वास्थ्य सेवा से महरूम है। सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है। विशेषज्ञ डॉक्टर ग्रामीण क्षेत्रों में नौकरी करने से कतराते हैं। नक्सल क्षेत्रों में जाना नहीं चाहते हैं। यह बातें झारखंड सरकार के निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. सुमंत मिश्रा ने कहीं। वे एक्सएलआरआई में जनस्वास्थ्य चुनौती और समाधान विषय पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में गुरुवार को मुख्य अतिथि डॉ. सुमंत मिश्रा के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार अब पैथोलॉजिकल जॉच, रेडियोलॉजिकल जॉच, डायलिसिस सुविधाओं को पीपीपी मोड पर चला रही है। इससे बेहतर नतीजे आ रहे हैं। राज्य में शिशु मृत्युदर और मातृत्व मृत्युदर भी राष्ट्रीय औसत से अच्छा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार हेल्थ को लेकर एक एप बना रही है। इस एप में ब्लड प्रेशर, शूगर, वजन समेत अन्य बीमारियों के मानक रहेंगे। इससे शारीरिक स्थिति की जानकारी मिलेगी।
तनाव और आत्महत्या की घटना बढ़ी है
कार्यशाला के दौरान फादर ओसवाल्ड मैसकनरहास ने कहा कि स्वास्थ्य का मतलब केवल बीमारी मुक्त रहना नहीं है। आज तनाव और आत्महत्या की घटना बढ़ रही है। रोड रेज और दुर्घटना में हमारी जान जा रही है। ये भी स्वास्थ्य के ही पहलू है। इस पर भी गंभीरता से विचार करना होगा। देश के कई हिस्सों से पहंचे प्रतिनिधि कार्यशाला में एक्सएलआरआई के डीन डॉ. आशीष के पाणि, प्रो. डॉ. विश्वबल्लभ ने भी अपने विचार रखें। इस दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों से चिकित्सक, एनजीओ के प्रतिनिधि उपस्थित थे।