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टाटा मोटर्स में अप्पू दत्ता के आश्रित को मिली स्थायी नौकरी

टाटा मोटर्स में विभिन्न राजनीतिक दलों व टेल्को वर्कर्स यूनियन द्वारा किए गए आंदोलन का ही नतीजा है कि 11 दिनों के बाद अप्पू दत्ता के आश्रित को कंपनी में स्थायी नौकरी मिलेगी। टीएमएल ड्राइव लाइन में...

टाटा मोटर्स में अप्पू दत्ता के आश्रित को मिली स्थायी नौकरी
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 19 Apr 2017 09:45 PM
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टाटा मोटर्स में विभिन्न राजनीतिक दलों व टेल्को वर्कर्स यूनियन द्वारा किए गए आंदोलन का ही नतीजा है कि 11 दिनों के बाद अप्पू दत्ता के आश्रित को कंपनी में स्थायी नौकरी मिलेगी।

टीएमएल ड्राइव लाइन में आठ अप्रैल को ड्यूटी के दौरान अप्पू दत्ता की मौत हुई थी। हालांकि प्रबंधन स्थायी नौकरी के बदले मृतक के आश्रित को भविष्य कल्याण योजना (बीकेवाई) देने पर सहमति बना चुके थे। लेकिन 13 अप्रैल को धीरेंद्र कुमार की मौत और राजनीतिक पार्टियों द्वारा किए गए हंगामें के बाद उनके आश्रित को नौकरी मिली। इस पर टीएमएल एंड ड्राइव लाइन यूनियन मुखर हुआ और अप्पू दत्ता के आश्रित को भी नौकरी दिए जाने की मांग प्रबंधन से की थी।

प्रबंधन के घर पहुंचे प्रबंधन के अधिकारी

बुधवार दोपहर एक बजे कंपनी व यूनियन के अधिकारी टेल्को स्थित अप्पू दत्ता के आवास पहुंचे। प्रबंधन से मिले पत्र पर आतशी दत्ता ने हस्ताक्षर किए। इस मौके पर कंपनी के एचआर हेड राकेश पाठक, अमितेष पांडेय व यूनियन महामंत्री आरके सिंह सहित यूनियन के वरीय अधिकारी उपस्थित थे।

दो वर्ष बाद स्थायी

आतशी को जो प्रबंधन ने पत्र सौपा है उसके तहत एक वर्ष का प्रशिक्षण व एक वर्ष टेम्प्रोरी अवधि के बाद उन्हें प्रोबेशन अवधि के बाद कंपनी में स्थायी किया जाएगा। यहीं स्कीम धीरेंद्र कुमार के आश्रित पुनीता सिंह को भी दी गई है।

इस संबंध में आतशी दत्ता, मृतक अप्पू दत्ता की पत्नी ने बताया कि पहले मुझे उम्मीद नहीं थी कि कंपनी में स्थायी नौकरी मिलेगी। लेकिन दूसरी घटना घटने के बाद जब प्रबंधन ने धीरेंद्र के आश्रित को नौकरी दी तो उम्मीद जगी। बाद में यूनियन नेता भी घर आकर आश्वासन देकर गए थे।

आरके सिंह, महामंत्री ने बताया कि किसी भी समस्या का समाधान बातचीत से संभव है। मान्यता प्राप्त यूनियन को अपने दायित्व की जानकारी है नहीं तो कंपनी और यूनियन, दोनो को नुकसान होता है। इसी का नतीजा है कि अप्पू दत्ता के परिजन को यूनियन हक दिला पाई।

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