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जादूगोड़ा में खनन माफिया मालामाल, सरकार को राजस्व का नुकसान

पूर्वी सिंहभूम के जादूगोड़ा में अवैध रूप से चलने वाले बालू समेत लघु खनिज का मासिक धंधा करीब 16 लाख रुपये का है। अवैध खनन के काम में प्रतिदिन 30 से 40 गाड़ियां लगाई जाती है जिन्हें दो से ढ़ाई हजार रुपये...

जादूगोड़ा में खनन माफिया मालामाल, सरकार को राजस्व का नुकसान
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 01 Mar 2017 07:10 PM
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पूर्वी सिंहभूम के जादूगोड़ा में अवैध रूप से चलने वाले बालू समेत लघु खनिज का मासिक धंधा करीब 16 लाख रुपये का है। अवैध खनन के काम में प्रतिदिन 30 से 40 गाड़ियां लगाई जाती है जिन्हें दो से ढ़ाई हजार रुपये के हिसाब से भुगतान किया जाता है। यह सब दयाल मार्केट के निकट होता है। इस अवैध खनन के धंधे से जहां माफिया किस्म के लोग मालामाल हो रहे है वहीं सरकार के राजस्व में नुकसान पहुंच रहा है। अवैध खनन का धंधा किस कदर अपनी पैठ बना चुका है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जादूगोड़ा में पुलिस अधिकारियों के आवास के निकट ही बड़े पैमाने पर बालू का स्टॉक होता है। यहां तक की बालू के स्टॉक से पुलिस अधिकारी के आवास का बोर्ड तक छिप गया है। बावजूद इसके संबंधित पुलिस अधिकारी कभी भी बालू उठाव के भंडारण तथा उसके चालान तक की जानकारी लेने की जहमत नहीं उठाते है।

खनन विभाग ने लिखा है कई पत्र, नहीं हुई कार्रवाई : जादूगोड़ा थाना क्षेत्र में अवैध खनन का धंधा लंबे समय से चलता आ रहा है। बीते वर्ष एक फरवरी को तत्कालीन जिला खनन इंस्पेक्टर दरोगा रॉय ने अवैध खनन की शिकायत पर जादूगोड़ा पुलिस ट्रेनिंग सेंटर और चाटीकोचा में निर्माणाधीन यूसील की स्लेग डेम पर छापामारी हजारों टन अवैध बालू और पत्थर का स्टॉक पकड़ा था। हालांकि स्थानीय पुलिस से सहयोग नहीं मिलने के कारण सभी गाड़ियां भागने में सफल रही थी। इसके बाद उन्होंने जिला खनन पदाधिकारी को एक रिपोर्ट सौंपा था। रिपोर्ट के आधार पर तब जिला खनन पदाधिकारी ने जादूगोड़ा थाना को पांच पत्थर एवं बालु तस्करों के खिलाफ खनन अधिनियम के साथ-साथ कई अन्य धाराओं में कारवाई करने के लिए लिखा था। जिला खनन पदाधिकारी ने 9 फरवरी 2016 में लिखा गया था कि 1 फरवरी को भ्रमण के क्रम में यूसील के स्लेग डैम के निकट कई टन अवैध पत्थर और बालू का स्टॉक पाया गया है जिसमें संतोष अग्रवाल, रोहित अग्रवाल, घनश्याम बिरूली, उमेश यादव, मंजीत सिंह उर्फ लेदा के द्वारा आपूर्ति की जा रही है। जिला खनन पदाधिकारी ने उपरोक्त सभी के खिलाफ थाना को कारवाई करने को लिखा था लेकिन आज तक कारवाई नहीं हुई। वन रक्षा समिति के अध्यक्ष भीमसेन सोरेन के मुताबिक उन्होंने स्वयं मुख्यमंत्री के कैंप कार्यालय में प्रमाणों के साथ अवैध खनन की जानकारी दी थी लेकिन कभी कोई कारवाई नहीं हुई।

खनन माफिया मालामाल, सरकार के राजस्व को हो रहा नुकसान

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