फसल चक्र में दलहनी फसल का अवश्य करें समावेश
कृषि विभाग के तत्वाधान में पॉलीटेक्निक ग्राउंड में आयोजित तीन दिवसीय किसान मेले का सोमवार को समापन हो गया। अंतिम दिन अफसरों ने अन्ना प्रथा पर रोक लगाए जाने के लिए किसानों को बहुवर्षीय चारे की खेती...
कृषि विभाग के तत्वाधान में पॉलीटेक्निक ग्राउंड में आयोजित तीन दिवसीय किसान मेले का सोमवार को समापन हो गया। अंतिम दिन अफसरों ने अन्ना प्रथा पर रोक लगाए जाने के लिए किसानों को बहुवर्षीय चारे की खेती करने के लिए प्रेरित किया। कहा कि इस खेती से वह अपने जानवरों के खाने-पीने का इंतजाम आसानी से कर सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने फसल चक्र में दलहनी फसलों का समावेश अवश्य करने की बात कही।
पॉलीटेक्निक ग्राउंड में आयोजित तीन दिवसीय किसान मेले के अंतिम दिन सोमवार को कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उप निदेशक कृषि अरविन्द मोहन मिश्रा ने किसानों को खेती से संबंधित जरूरी टिप्स दिए। कहा कि किसानों के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं बस जरूरत है उनका लाभ लेने की। कहा कि किसान सिस्टम से खेती करें तो वह कम लागत में अधिक लाभ कमा सकते हैं। कहा कि अधिक उत्पादन के लिए पंक्तियों में बुवाई करें। खेत में धान के पुआल, गेहूं के डंठल आदि को न जलाएं बल्कि डिस्कि हेरो व मिट्टी पलटने वाले हल से खेत में पलटकर सड़ाएं, अधिकतम उत्पादन प्राप्त करने हेतु एकीकृत पौध, पोषण प्रबंधन एवं एकीकृत नाशी जीव प्रबंधन तकनीक को अपनाएं, फसलों की सिंचाई पलैवा विधि से न करें, बल्कि सिंचाई की उन्नत विधियों, प्यारी, थला वार्डर, चेक बेसिन, स्प्रैंकलर, ड्रिप सिंचाई, विधि आदि का प्रयोग करें।