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चुनाव के बाद भी यहां चर्चा में हैं गधे, लगा है मेला

उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान गधे जमकर छाए रहे। चुनाव खत्म हुआ नहीं कि लोगों ने गधों को दरकिनार कर दिया। लेकिन कम लोग ही  जानते हैं कि उप्र के कौशांबी के कड़ा में लगे दो दिवसीय...

चुनाव के बाद भी यहां चर्चा में हैं गधे, लगा है मेला
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 21 Mar 2017 11:48 AM
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उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान गधे जमकर छाए रहे। चुनाव खत्म हुआ नहीं कि लोगों ने गधों को दरकिनार कर दिया। लेकिन कम लोग ही  जानते हैं कि उप्र के कौशांबी के कड़ा में लगे दो दिवसीय 'गदर्भ मेला' ने इनकी फिर से याद ताजा कर दी है।

इस बार कौशांबी के कड़ा शीतलाधाम में लगने वाले वार्षिक 'गदर्भ मेले' में पंजाब, उत्तराखण्ड, बिहार, मध्य प्रदेश व जम्मू कश्मीर सहित प्रदेश के कोने-कोने से कारोबारियों के गधों ने हिस्सा लियां। मेले में तमाम गधे, खच्चर व घोड़ा आदि की जमकर बिक्री हुई। बतादें कि इस मेले में एक गधा तो सवा लाख तक में बिका है, जो कि लोगों के चर्चा का विषय बना रहा।

कड़ा स्थित मां शीतला धाम में दशकों से दो दिवसीय गधा मेला आयोजित किया जाता है। बतादें कि गधा को मां शीतला की सवारी भी माना जाता है। 'गदर्भ मेले' में पंजाब, उत्ताखण्ड सहित प्रदेश के कोने-कोने से आए कारोबारियों ने गधों को खरीदा। मेले में 5 हजार से लेकर करीब सवा लाख रूपए तक के गधे, खच्चर व घोड़े की बिक्री हुई। इस मेले में गधों, खच्चर व घोड़ों को सजाने व सवारने के लिए सामानों से लेकर खान-पान तक के सामान भी मिलते हैं। 


मेले में तय होती हैं जोड़िया
शीतलाधाम में लगने वाले गदर्भ मेले में सबसे अधिक चौधरी (धोबी) समाज के लोग जुटते हैं। यहां पर चौधरी समाज के लोग अपने बेटे-बेटियों का रिश्ता भी तय करते हैं। समाज के लोगों का मानना है शीतलाधाम में तय होने वाले रिश्ते में आपसी प्रेम अधिक होता है और वैवाहिक जीवन सफल रहता है। 

मेले में गधे करते हैं गंगा स्नान
'गदर्भ मेले' से पहले गधों, खच्चरों व घोड़ों के मालिक उन्हें गंगा में स्नान करवाते हैं। उसके बाद उन्हें सजाया सवारा जाता है। एक ही जैसे दिखने वाले गधे मेले में कहीं खो न जाए इसके लिए उनके शरीर पर अलग-अलग रंगों से तरह-तरह के निशान लगाये जाते हैं। जो आपको तस्वीरों में भी नजर आ रहे होंगे।

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