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खगिड़या में सन्नी की हत्या मामले में दो गिरफ्तार

फिरौती के लिए नहीं बल्कि अवैध संबंध उजागर होने के डर से हुई किशोर की हत्या: एसपी30 मार्च से था गायब, चार अप्रैल को दर्ज हुई प्राथमिकी गुरुवार की शाम सड़ी-गली अवस्था में मिली लाशखगड़िया। कार्यालय...

खगिड़या में सन्नी की हत्या मामले में दो गिरफ्तार
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 28 Apr 2017 10:48 PM
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फिरौती के लिए नहीं बल्कि अवैध संबंध उजागर होने के डर से हुई किशोर की हत्या: एसपी

30 मार्च से था गायब, चार अप्रैल को दर्ज हुई प्राथमिकी गुरुवार की शाम सड़ी-गली अवस्था में मिली लाश

खगड़िया। कार्यालय संवाददाता

12 वर्षीय सन्नी की हत्या फिरौती के लिए बल्कि अवैध संबंध उजागर होने के डर से की गई थी। घटना को दो युवकों ने अंजाम दिया था। पुलिस दोनों युवक को गिरफ्तार कर लिया है। इस तरह हत्या के कारणों का भी खुलासा कर लिया गया है। यह बातें एसपी अनिल कुमार सिंह ने शुक्रवार को अपने कार्यालय कक्ष में मीडियाकर्मियों से कही। एसपी ने बताया कि गिरफ्तार युवकों में मुख्य आरोपी अविनाश कुमार उर्फ मीनू कुमार है तो दूसरा सहयोगी गौतम कुमार। दोनो युवकों ने अपना जुर्म भी स्वीकार कर लिया है। गिरफ्तार दोनो युवक परबत्ता थाना क्षेत्र के नयागांव का रहने वाला है।आपत्तिजनक अवस्था में देखा था सन्नी: पुलिस कप्तान श्री सिंह ने बताया कि एक दिन सन्नी ने अपनी बहन को अविनाश के साथ आपत्तिजनक अवस्था में देख लिया था। अविनाश को डर था कि कहीं सन्नी इसकी जानकारी परिजनों को न दे दे। इसके लिए अविनाश ने पहले गांव के ही युवक गौतम को विश्वास में लिया। फिर बाजार से एक चाकू खरीदा। इसके बाद सन्नी को बहला-फुसलाकर केला बगान ले गया। जहां उसकी हत्या कर लाश को जमीन के अंदर गाड़ दिया। एसपी ने बताया कि 30 मार्च को ही सन्नी गायब हुआ था और इसी दिन उसकी हत्या कर दी गई थी। उन्होंने बताया कि मामले के उद्भेदन में एएसपी अभियान विमलेश चन्द्र झा व गोगरी डीएसपी की सराहनीय भूमिका रही। 30 मार्च से ही गायब था सन्नी: एसपी ने बताया कि सन्नी 30 मार्च से ही गायब था। हालांकि पिता के आवेदन पर चार मार्च को अपहरण संबंधी प्राथमिकी दर्ज की गई। प्राथमिकी दर्ज करने के बाद पुलिस तहकीकात में जुट गई। अनुसंधान के क्रम में यह पता चला कि 30 मार्च को सन्नी के साथ अविनाश भी था। संदेह के आधार उसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया, लेकिन कोर्ट से उसे जमानत मिल गई।दो दिन बाद तक चालू था मोबाइल: पुलिस कप्तान श्री सिंह ने बताया कि अपहरण की घटना के दो दिन बाद तक मृतक सन्नी का मोबाइल चालू था। इसका पता तब चला जब सन्नी के एक संबंधी ने उस नंबर पर कॉल किया। दूसरी तरफ से आवाज आई कि 25 लाख दोगे तब सन्नी को छोड़ेंगे। चूंकि सन्नी के परिवार की हैसियत उतनी नहीं थी इसलिए पुलिस को शक हुआ और वह अनुसंधान में संजीदगी से जुट गई। सिम की जांच की गई तो पता चला कि दूसरे मोबाइल में रखकर बात की जा रही है। जब मोबाइल का ट्रेस किया गया तो पता चला कि यह तो अविनाश उर्फ मीनू का ही है। इसके बाद पुलिस ने पुन: अविनाश को हिरासत में लेकर कड़ी पूछताछ की। इस बार वह पूरी तरह टूट गया। न केवल वह हत्या की बात स्वीकारी बल्कि सहयोगी गौतम कुमार का नाम भी उगला। इस तरह से पुलिस ने मामले का उद्भेदन कर लिया।

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