मदरसा छात्रों ने नाटक के जरिए कसा अयोध्या मसले पर तंज
हापुड़ रोड स्थित मदरसा जामिया मदनिया में सालाना जलसे का आयोजन किया गया। इसमें दस हाफिज-ए-कुरान छात्रों की दस्तार बंदी की गई। इसमें मदरसे के छात्रों ने नुक्कड़ नाटक के जरिए आपसी भाईचारे और...
हापुड़ रोड स्थित मदरसा जामिया मदनिया में सालाना जलसे का आयोजन किया गया। इसमें दस हाफिज-ए-कुरान छात्रों की दस्तार बंदी की गई। इसमें मदरसे के छात्रों ने नुक्कड़ नाटक के जरिए आपसी भाईचारे और सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश दिया। साथ ही अयोध्या मसले पर तंज कंसा और इस मुद्दे पर राजनीति करने वालों पर करारी चोट की। साथ ही कहा कि इस मामले का हल धर्म गुरू ही निकाल सकते है।
सालाना जलसे में तलबा (छात्रों) ने कुरान-ए-पाक की तिलावत की। नात और तकरीर की। साथ ही जलसे में एक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया। इसमें सभी धर्मों के प्रतिनिधि का किरदार निभाते हुए बच्चों ने हिन्दू-मुस्लिम, सिख, ईसाइ एकता का संदेश दिया। साथ ही कहा कि हमारे मुल्क की संस्कृति का खासियत है कि यहां विविधता में एकता निहित नहीं। आपसी सौहार्द और भाईचारे को कोई न तो तोड़ पाएगा और न ही इसे प्रभावित कर सकेगे। सभी धर्मों के लोगों को जागरूक होना होगा और आपस में मिलजलुकर प्यार-मोहब्बत के साथ रहना चाहिए।
बागपत से आए मौलाना सैय्यद बिलाल हुसैन थानवी ने भी तकरीर की। उन्होंने कहा कि कुरान-ए-पाक पूरी दुनिया के लिए रहमत है। जलसे में मौलाना शाहीन जमाली ने कहा कि बच्चों को दुनियावी तालीम दिलाएं, लेकिन दीनी तालीम से भी उन्हें कतई वंचित न करें। अपील की गई कि हमारे देश में गो हत्या प्रतिबंधित है। इसलिए मुस्लिम गो हत्या से पूरी तरह बचें।
जलसे की अध्यक्षता करते हुए कारी शफीकुर्रहमान कासमी ने कहा कि इस्लाम तमाम मजहबों के साथ एक जैसा बर्ताव करता है। इस्लाम इंसानियत और मानवता का धर्म है। उन्होंने कुरान-ए-पाक के हवाले से बताया कि कुरान में दूसरे मजहब के खिलाफ नाइंसाफी करने से मना किया गया है। संचालन कारी अफ्फान कासमी ने किया। कारी शफीकुर्रहमान कासमी ने मुल्क में अमन-सलामती के लिए दुआ कराई। कार्यक्रम को कामयाब बनाने में मदरसे के शिक्षक मौलाना अली रजा कासमी, मुफ्ती अकील, कारी शाह हुसैन, कारी शादाब, कारी साजिद और डॉक्टर अंजुम आदी का सहयोग रहा।