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सपा में नहीं दम मुस्लिम आयें बसपा के साथ, बसपा है भाजपा का विकल्प : मसूद

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सियासत के माहिर खिलाड़ी माने जाने वाले काजी रशीद मसूद ने अब बसपा के दलित-मुस्लिम गठजोड़ को और मजबूत करने की जिम्मेदारी संभाल ली है। उन्होंने कहा कि बसपा ही प्रदेश में भाजपा का...

सपा में नहीं दम मुस्लिम आयें बसपा के साथ, बसपा है भाजपा का विकल्प : मसूद
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 28 Apr 2017 11:10 PM
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सियासत के माहिर खिलाड़ी माने जाने वाले काजी रशीद मसूद ने अब बसपा के दलित-मुस्लिम गठजोड़ को और मजबूत करने की जिम्मेदारी संभाल ली है। उन्होंने कहा कि बसपा ही प्रदेश में भाजपा का विकल्प बन सकती है। प्रदेश के मुस्लिमों को अब पूरी तरह से बसपा के साथ आ जाना चाहिए। बसपा के साढ़े 22 प्रतिशत वोट बैंक के साथ मिलकर वह 42 प्रतिशत से अधिक की ताकत बनते हैं और इस ताकत को सरकार बनाने से कोई नहीं रोक सकता।

छह बार लोकसभा तथा तीन बार राज्यसभा सांसद रहे काजी रशीद मसूद अब खुलकर बसपा के साथ आ चुके हैं। उन्होंने बसपा में जाने की घोषणा भी कर दी है। शुक्रवार को उन्होंने अपने आवास पर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की और उन्हें 4 मई को होने वाले कार्यकर्ता सम्मेलन के बारे में भी जानकारी दी। इसके बाद आयोजित पत्रकार वार्ता में काजी रशीद मसूद, उनके बेटे और पूर्व लोकसभा प्रत्याशी शाजान मसूद तथा पोते शायान मसूद ने सपा और भाजपा को जमकर घेरा। काजी रशीद मसूद ने कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद से गुंडागर्दी चल रही है और उन्होंने आंतक मचा रखा है, जो आमजन तो दूर पुलिस तक को नहीं बख्श रहे हैं। उन पर किसी का अंकुश नहीं है। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों ने सपा के साथ जाकर देख लिया है और सपा के पक्ष में पूरी तरह से मतदान करने के बाद भी वह 47 सीटें ही पा सके हैं। मुस्लिमों को अब सपा के साथ नहीं जाना चाहिए, सपा उनकी पार्टी नहीं है और न ही सपा में रहकर वह भाजपा को जवाब दे सकते हैं। बसपा ने इस चुनाव में भी साढ़े 22 प्रतिशत वोट लिया है और यह बसपा का अपना वोट है, यदि इसके साथ मुस्लिम वोट बैंक भी मिल जाये तो बसपा भाजपा का विकल्प बनेगी। इसलिए सभी को बसपा के साथ आना चाहिए। उन्होंने 4 मई को आयोजित होने वाले कार्यकर्ता सम्मेलन में भी सभी से पूरे जोश के साथ जुटने की अपील की।

उनके बेटे और पूर्व लोकसभा प्रत्याशी शाजान मसूद ने कहा कि बसपा सर्वसमाज की पार्टी है जो सभी को साथ लेकर चलती है और बसपा मुस्लिमों का पूरा सम्मान करती है। बसपा के साथ ही मुस्लिमों का हित सुरक्षित है। वह अब अपने सभी समर्थकों के साथ क्षेत्र में बसपा को और अधिक मजबूत करने के लिए कार्य करेंगे।

बसपा में शामिल होने की शर्त नहीं

काजी रशीद मसूद ने कहा कि बसपा में शामिल होने के लिए उन्होंने कोई शर्त नहीं रखी है और न ही उन्होंने अपने किसी परिवार के सदस्य के लिए लोकसभा का टिकट मांगा है। वह पार्टी कार्यकर्ता के रूप में बसपा में गए हैं। क्योंकि उन्हें लगता है कि बसपा ही भाजपा का विकल्प बनेगी। हालांकि माना जा रहा है कि काजी रशीद मसूद ने बसपा में अपने बेटे शाजान मसूद का टिकट तय कर लिया है और बसपा के टिकट पर शाजान ही लोकसभा प्रत्याशी होंगे। शाजान पिछला लोकसभा चुनाव सपा के टिकट पर लड़ चुके हैं। पिछली बार बसपा के टिकट परचुनाव लड़े जगदीश राणा अब बसपा छोड़कर भाजपा के साथ हैं।

अभी नहीं खोले पत्ते

काजी रशीद मसूद ने अभी पूरी तरह से अपने पत्ते नहीं खोले हैं। क्योंकि जब उनसे पूछा गया कि वह 4 मई को किस-किस नेता को अपने साथ बसपा की सदस्यता ग्रहण कराने जा रहे हैं तो उन्होंने इसका स्पष्ट जवाब न देते हुए कहा कि बहुत से नेताओं से उनकी वार्ता लगातार जारी है, इसका पता उसी दिन चलेगा कि कौन-कौन बसपा की सदस्यता ग्रहण कर रहा है।

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