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मिशन बोर्ड एग्जाम: तैयारी के जब दिन हों कम

एक छात्र के तौर पर आप जानते होंगे कि कब क्या पढ़ना है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कैसे पढ़ना है? परीक्षाओं के दौरान पढ़ने का सबसे असरदार तरीका क्या हो सकता है, जिससे आप पूरे सिलेबस का बेहतर रिवीजन कर...

मिशन बोर्ड एग्जाम: तैयारी के जब दिन हों कम
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 15 Mar 2017 02:08 PM
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एक छात्र के तौर पर आप जानते होंगे कि कब क्या पढ़ना है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कैसे पढ़ना है? परीक्षाओं के दौरान पढ़ने का सबसे असरदार तरीका क्या हो सकता है, जिससे आप पूरे सिलेबस का बेहतर रिवीजन कर पाएं।

उम्मीद है कि आप के पास सभी विषयों के रिवीजन नोट्स होंगे, जिनकी मदद से आप कम समय में ही विषयों में शामिल सभी जरूरी जानकारियों, चित्रों को याद कर पाएंगे।  

जब किसी विषय पर नोट्स न हों
-अगर किसी विषय के नोट्स नहीं हैं, तब कोर्स की किताब से रिवीजन करने के लिए आपको सबसे पहले किसी टॉपिक का शीर्षक, उप-शीर्षक, परिचय और पाठ के अंत में दिया सारांश पढ़ना चाहिए। इससे आप जान जाएंगे कि पाठ में क्या कुछ बताया गया है। अब टॉपिक की शुरुआत से यह देखने की कोशिश करें कि टॉपिक की मुख्य बातें क्या हैं। इसके लिए चित्रों, डायग्राम, टेबल, रेखांकित शब्द/वाक्यों पर ध्यान दें। 

-अब आप पूरे टॉपिक को पढ़कर मुख्य बात का विश्लेषण जान  सकते हैं। अब किताब एक तरफ रख दें और जो कुछ भी आपने पढ़ा है, उसे कुछ शब्दों या वाक्यों में लिख लें।

-पढ़ा गया पाठ आपको हमेशा याद रहे, इसके लिए विषय को समझें। टॉपिक्स के महत्व को समझने और पहले पढे़ जा चुके विषय से जोड़ कर देखने की कोशिश करो।

-पुस्तक से पढ़ते समय मुख्य तथ्यों पर निशान लगाते हुए आगे बढ़ें।  
 
रिवीजन को ऐसे बनाएं बेहतर
यह महत्वपूर्ण नहीं है कि आपने रिवीजन में कितना समय लगाया, बल्कि जरूरी यह है कि पढ़ते समय आपके दिमाग की सजगता का स्तर कैसा था। इसलिए, जब आप सबसे ज्यादा सजग हों, उस समय कठिन टॉपिक्स को दोहराएं और आसान विषय के रिवीजन के लिए वह समय चुनें, जब आपकी पढ़ने में सबसे कम रुचि होती है।

-पढ़ाई का टाइमटेबल ऐसे बनाएं कि सभी टॉपिक्स को समय दे सकें। 

-रिवीजन के समय एक जैसी जानकारी को पढ़ने से बेहतर होगा कि आप एक तय समय-सीमा में दो अलग तरह के टॉपिक्स को दोहराएं। 

-रिवीजन के समय छात्र अपने टीचर से संपर्क बनाए रखें। कोई टॉपिक समझ न आने पर बेझिझक उनसे पूछें। 

-प्रश्न पत्र में ज्यादातर न्यूमेरिकल्स पाठ्य-पुस्तक से पूछे जाते हैं, इसलिए पाठ्य-पुस्तक में दिए सभी सवालों को हल करने के बाद ही किसी दूसरी किताब से अभ्यास के बारे में सोचें।

-परीक्षा से कुछ दिन पहले आप सिलेबस के मुख्य तथ्यों और फॉर्मूलों का एक चार्ट बना सकते हैं।

बीते वर्षों के प्रश्न-पत्रों का अभ्यास
-कोशिश तो यह होनी चाहिए कि पेपर से पहले तैयारी के लिए बचे हर दिन में एक अभ्यास प्रश्न-पत्र (जो बीते सालों के प्रश्न-पत्र भी हो सकते हैं) उतने ही समय में हल करने की आदत बनानी चाहिए, जितना समय परीक्षा हॉल में मिलेगा।

-इससे परीक्षा हॉल में पेपर हल करते समय आप ज्यादा सजग और अभ्यस्त होंगे। इससे आप प्रश्नों के सटीक जवाब देना सीख पाएंगे।

-पेपर हल करने के बाद अपने मजबूत और कमजोर पक्ष को पहचानें। अगर किसी खास टॉपिक के सवाल हल करने में परेशानी हो रही है तो उस टॉपिक को रिवीजन में ज्यादा समय दें। 
प्रस्तुति: अभिषेक नागर

एक्सपटर्स व्यू: प्रेमलता गर्ग
प्रिंसिपल, डीएवी पब्लिक स्कूल, श्रेष्ठ विहार
हम मान कर चल रहे हैं कि छात्रों ने अपने-अपने विषयों की तैयारी कर ली होगी। अब जब रिवीजन का समय है तो आप सीमित समय में बेहतर प्लानिंग से एग्जाम की अपनी परेशानियां कम कर सकते हैं।

-यहां आप अंकों के बंटवारे को ध्यान में रख कर प्रैक्टिस पेपर्स हल करें। ज्यादा अंकों के टॉपिक्स को अच्छे से पढ़ें। 

-इसके साथ यह भी जरूरी है कि आप लिखने और समझने की अपनी कुशलता पर खास ध्यान दें। इसी से तय होता है कि आप परीक्षा में कितने अंक लाएंगे।

-कुछ छात्र 90 फीसदी से ज्यादा अंक लाने के मकसद से तैयारी करते हैं तो कुछ 60 से 80 फीसदी अंक लाने के बारे में सोचते हैं। यहां खुद पर विश्वास कर अपनी तैयारी के स्तर को समझते हुए रिवीजन करें।

-अब किसी भी तरह के भटकाव को पास न आने दें। अब दोस्तों से पूछने की जरूरत नहीं होनी चाहिए कि आपकी तैयारी कैसी चल रही है। खुद की तैयारी पर ध्यान दें। लैपटॉप, मोबाइल से दूर रहेंगे, तभी ध्यान लगेगा।

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