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पेयजल संकट को लेकर आनंदपुरी में घर-घर आक्रोश

शहर के आनंदपुरी मोहल्ले में पेयजल संकट लगातार गहराता जा रहा है। पशुपालन विभाग भगवानपुर स्थित पम्प हाउस से जलापूर्ति में देरी से परेशानी और बढ़ती जा रही है। इसके साथ ही स्थानीय लोगों का आक्रोश भी बढ़...

पेयजल संकट को लेकर आनंदपुरी में घर-घर आक्रोश
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 29 Apr 2017 02:12 AM
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शहर के आनंदपुरी मोहल्ले में पेयजल संकट लगातार गहराता जा रहा है। पशुपालन विभाग भगवानपुर स्थित पम्प हाउस से जलापूर्ति में देरी से परेशानी और बढ़ती जा रही है। इसके साथ ही स्थानीय लोगों का आक्रोश भी बढ़ रहा है। कुछ ऐसा ही हाल बगल के अलीनगर मुस्लिम बस्ती और पासवान टोला का भी है। यहां भी पानी की आपूर्ति नहीं होने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है।

मोहल्ले में धड़ल्ले से सबमर्सेबल पम्प गाड़े जाने को भी संकट का मुख्य कारण माना जा रहा है। इससे चापाकल लेयर छोड़ रहे हैं और साधारण मोटर जवाब देने लगे हैं। इससे कई घरों में पानी को लेकर हाहाकार मचा है। हाल यह कि इन मोहल्लों के कई लोगों को पानी के लिए रेलवे कॉलोनी के नल के चालू होने का इंतजार रहता है। हालांकि, यह भी आधा किलोमीटर दूर पड़ता है। वहीं, कई लोग पास-पड़ोस में जिनके घर सबमर्सेबल पम्प है, वहीं से पाइप लगाकर पानी लाने को मजबूर हैं।

पाइप क्षतिग्रस्त होने से घरों तक नहीं पहुंच रहा पानी :

कई वर्षों के बाद बीते दिनों पशुपालन विभाग भगवानपुर स्थित वाटर पम्प को चालू किया गया। इस बीच एनएच-28 के चौड़ीकरण के कारण पाइप के क्षतिग्रस्त हो जाने से जलापूर्ति बाधित हो गई। काफी इंतजार के बावजूद लोगों के घर तक पानी की आपूर्ति नहीं हो सकी।

आनंदपुरी के अजीत सिंह बताते हैं कि नगर निगम और एनएचआई आपस में चिरौरी कर रही है। फिर पम्प बंद हो गया है। पानी कि परेशानी को लेकर दस फीट गड्डे कर मोटर डाला, इसके बावजूद पानी नहीं आ रहा है। आसपास के लोगों की मदद से किसी तरह प्यास बुझ रही है। उधर, अन्य लोगों का कहना है कि हम लोग पानी के लिए तरस रहे हैं। वहीं, कुछ लोग पानी को लेकर अपनी राजनीति चमका रहे हैं। इसकी समस्या सुनने वाला कोई नहीं है।

मुस्लिम बस्ती में पुरान कुआं बना लोगों का सहारा :

आनंदपुरी से सटे अलीनगर मुस्लिम बस्ती की स्थिति और भी दयनीय है। यहां एक पुराना टूटा हुआ कुआं लोगों का सहारा बना हुआ है। स्थानीय निवासी मो. ऐजाजुल ने बताया कि आज जुमा है। नहाने जरूरी है। यहां कुआं पर भी भीड़ लगी हुई है। जुबेदा, मेहरू निशा, मैमुन निशा, सबीना, नजमुन, रूबिया सब पानी के लिए आपस में ही भिड़े हैं।

पानी के बारे में पूछने पर स्थानीय नाजमुन निशा कहती हैं कि हमरा लाख रुपइया कहां से अइह, पइसा वाला सब पानी खिंच लेतह, गरीबन के नसीब में यही कुआं है। वहां मौजूद जुबेदा कहती हैं कि गरीबों का सबसे बुरा हाल है। वे रेलवे कॉलोनी से पानी लाने को मजबूर हैं।

कभी-कभी आता है निगम का टैंकर :

बीबीगंज के पासवान टोले के लोग भी पानी के लिए परेशान हैं। बताते हैं कि कभी निगम का टैंकर आता है, कभी नहीं। पूरे इलाके में पानी को लेकर हाहाकार मचा है। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है वैसे-वैसे परेशानी बढ़ती जा रही है। सारे चापाकल एक-एक कर जवाब दे रहे हैं। अधिकतर लोगों को पड़ोसी के सबमर्सेबल पम्प का आसरा है। अगर बिजली कटी तो बैठकर नित्य क्रिया के लिए भी इंतजार करना पड़ता है। पूरा इलाका पशुपालन कार्यालय स्थित पम्प के चालू होने का इंतजार कर रहा है।

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