नवधा भक्ति का अनुसरण करने से प्राप्त होता है परमपद
पुरानी बाजार नाका के समीप चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन भी भक्तों की भीड़ उमड़ी। कथावाचन के बीच-बीच में हो रहे भजनों से सभी भक्ति में लीन रहे। कथा को आगे बढ़ाते हुए व्यासपीठ से आचार्य प्रेम...
पुरानी बाजार नाका के समीप चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन भी भक्तों की भीड़ उमड़ी। कथावाचन के बीच-बीच में हो रहे भजनों से सभी भक्ति में लीन रहे। कथा को आगे बढ़ाते हुए व्यासपीठ से आचार्य प्रेम महाराज ने भक्त प्रह्लाद के चरित्र का विवेचन किया। उन्होंने कहा कि नवधा भक्ति का अनुसरण करने से प्राणी परमपद को प्राप्त होता है। आचार्य ने स्वर्ग नरक का निरुपण करते हुए अजमिल-गजग्रह प्रसंग व भगवान श्रीराम के साथ बांके बिहारी श्रीकृष्ण का जन्म-चरित्र को गाकर सुनाया। उन्होंने राम कृष्ण दोऊ एक है, अंतर नहीं विशेष, इनके नयन गंभीर हैं, इनक चपल विशेष पद गाकर भक्तों को झुमा दिया। कथा क्रम में आचार्य पुष्पेंद्र पंकज, संत बानाधरी, संत लक्ष्मी नारायण दास की संगीत मंडली ने कई भजनों को सुना कर भक्तों को मुग्ध कर दिया। इनके साथ महेंद्र शरण, श्रीचंदव रामजी वाद्ययंत्रों पर संगत कर रहे थे।