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ऑक्सीजन का भंडार है समुद्री घास

जमीन पर उगने वाली हरी-भरी घास जितनी खूबसूरत और आंखों को सुकून देने वाली होती है, उससे भी खूबसूरत होती है समुद्र के अंदर उगने वाली तरह-तरह की घास। दुनियाभर के समुद्रों के अंदर 72 से अधिक तरह की...

ऑक्सीजन का भंडार है समुद्री घास
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 07 Oct 2016 01:45 PM
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  • जमीन पर उगने वाली हरी-भरी घास जितनी खूबसूरत और आंखों को सुकून देने वाली होती है, उससे भी खूबसूरत होती है समुद्र के अंदर उगने वाली तरह-तरह की घास।
  • दुनियाभर के समुद्रों के अंदर 72 से अधिक तरह की घास मिलती है। इनमें से कुछ के पत्ते चौड़े होते हैं, कुछ तरह की घास तीन पत्तियों वाली होती हैं तो कुछ विशेष तरह की घास के पत्ते काफी लंबे-लंबे होते हैं।
  • फ्लोरिडा के दक्षिण में 13,934 वर्ग किलोमीटर में फैला है सबसे बड़ा समुद्री घास का मैदान।
  • सबसे अधिक गहराई में मिलने वाली समुद्री घास 90 मीटर की गहराई में मिलती है।
  • सबसे लंबी समुद्री घास जापान के पास  मिलती है, जिसकी लंबाई लगभग 11 फुट तक होती है।
  • इंग्लैंड के पास के समुद्र में दो घास के बड़े मैदान हैं, जहां समुद्री घोड़ों की दो प्रजातियां पाई जाती हैं।
  • समुद्री घास ऑक्सीजन का इतना अच्छा स्रोत है कि इसे समुद्र का फेफड़ा कहा जाता है, क्योंकि एक वर्ग मीटर समुद्री घास के मैदान से रोजाना 10 लीटर ऑक्सीजन का निर्माण होता है।
  • दुनियाभर में उत्सर्जित होने वाले 12 प्रतिशत कार्बन के दुष्प्रभाव को समुद्री घास संतुलित करती है, जबकि यह समुद्र तल के 0.1 प्रतिशत हिस्से में ही फैली है।
  • वैज्ञानिक शोध के अनुसार 1980 से हर घंटे फुटबॉल के दो मैदानों के बराबर समुद्री घास का नुकसान हो रहा है, जिसे बचाने के लिए वैज्ञानिक काम कर रहे हैं।
  • समुद्री घास से फ्रांस में ऐसी चटाई बनाई गई थी, जिसका इस्तेमाल गोलियों की चोट रोकने के लिए किया जा सकता था। पहले विश्व युद्ध के दौरान फ्रांस ने इसका इस्तेमाल भी किया था। इसे बैंडेज से लेकर गद्देदार बैठने की मैट के रूप में भी इस्तेमाल किया जा चुका है। अभी भी फर्नीचर के निर्माण में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
  • यह समुद्री जीव डुगोंग का प्रिय भोजन है, जो हर रोज 40 किलोग्राम तक समुद्री घास खा जाता है।
  • यह कई तरह की मछलियों का भोजन और घर भी साबित होती है। बहुत सारी छोटी मछलियां, बड़ी मछलियों और अन्य जीवों के खतरे से खुद को बचाने के लिए भी इन घास के मैदानों में रहती हैं। झींगा भी ऐसी ही मछली है।
  • कई मछलियां अपने बच्चों को जन्म देने और बड़ा करने के लिए घास के मैदानों को चुनती हैं।

 

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