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Hindi News...ताकि कोल्ड ड्रिंक कैन्स न बनें जानवरों की मौत की वजह 

...ताकि कोल्ड ड्रिंक कैन्स न बनें जानवरों की मौत की वजह 

अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में जब दो बच्चों ने देखा कि एक स्कंक (गिलहरी जैसा दिखने वाला एक जीव) अपनी गर्दन में फंसा प्लास्टिक कप निकालने की कोशिश में लगा है तो उन्हें समझते देर नहीं लगी कि यह नन्हा...

...ताकि  कोल्ड ड्रिंक कैन्स न बनें जानवरों की मौत की वजह 
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 18 Apr 2017 07:08 PM
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अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में जब दो बच्चों ने देखा कि एक स्कंक (गिलहरी जैसा दिखने वाला एक जीव) अपनी गर्दन में फंसा प्लास्टिक कप निकालने की कोशिश में लगा है तो उन्हें समझते देर नहीं लगी कि यह नन्हा जानवर मुसीबत में है। दोनों ने वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ को इसकी खबर दी। जब विशेषज्ञ वहां पहुंचा तो स्कंक भूख-प्यास से बेहाल था। विशेषज्ञ स्कंक को घर ले गया, उसकी गर्दन से प्लास्टिक कप हटाया और उसे कुछ खाने को दिया। कुछ देर बाद उसे जंगल में छोड़ दिया। इस तरह दो नन्हे दोस्तों की सूझबूझ से स्कंक की जान बच गई, लेकिन बहुत सारे दूसरे जानवर इतने भाग्यशाली नहीं होते। कोल्ड ड्रिंक कैन्स, पैकेट्स और प्लास्टिक के कप कई बार उनकी मौत की वजह बन जाते हैं। 
 

योप्लेट योगर्ट कंटेनर का मामला 
अमेरिका में मिलने वाले योप्लेट योगर्ट कप का मामला काफी चर्चा में रहा था, जिसका डिजाइन कुछ ऐसा था, जिसमें गिलहरी जैसे छोटे जानवर खाने के लालच में अपनी गर्दन फंसा लेते थे। साल 1978 यानी जब से योप्लेट योगर्ट कंटेनर अमेरिका की दुकानों में नजर आया, तब से हर साल हजारों की संख्या में जंगली जीव इसमें फंस कर मरते रहे। साल 1998 में लोगों के विरोध के बाद कप के डिजाइन में छोटा सा बदलाव किया गया और कप के ऊपर एक संदेश लिखा गया कि जंगली जीवों को बचाने में आगे आएं, कप फेंकने से पहले उसे तोड़ दें। बात फिर भी नहीं बनी। छोटे जानवर इसमें फंसते रहते हैं। बचा लिए गए तो ठीक, वरना दम तोड़ देते हैं। 
 

भारत में भी मिले मामले
ऐसे ही मिलते-जुलते मामले भारत में भी खूब देखे गए। प्लास्टिक जार में अपनी गर्दन फंसाए कुत्तों की तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया में खूब देखे गए। एनिमल एड अनलिमिटेड जैसी संस्थाएं इनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही हैं।
 

समुद्री जीवों की मुसीबत
एक आंकड़े के अनुसार हर साल लगभग 80 लाख टन प्लास्टिक समुद्रों में फेंका जा रहा है। कछुओं, समुद्री पक्षियों, सील और व्हेल के पेट में काफी मात्रा में प्लास्टिक मिली है। नुकीले कोनों वाली प्लास्टिक से उनके पेट के अंदरूनी अंगों को नुकसान पहुंचता है। यह स्थिति बेहद खतरनाक है, जिसे बदलने के लिए कोशिशें की जानी चाहिए। 

क्या करें 

  • हमें प्लास्टिक की बोतलें, कप या पैकेट यूं ही नहीं फेंकने चाहिए। अगर कोई ऐसा करते हुए दिखे भी तो उसे मना कर देना चाहिए। 
  •  आज बाजार में कई चीजें प्लास्टिक के छोटे-बड़े डिब्बों, कैन्स और कप्स में मिलती हैं। हमें इनको तोड-मरोड़ कर ही डस्टबिन में डालना चाहिए।  
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