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तीन तलाक के खिलाफ 10 लाख मुस्लिम महिलाओं ने किए हस्ताक्षर

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) द्वारा तीन तलाक के खिलाफ चलाए गए अभियान में करीब 10 लाख मुसलमानों ने हस्ताक्षर किए हैं। अभियान को मुस्लिम महिलाओं का भारी समर्थन मिल...

तीन तलाक के खिलाफ 10 लाख मुस्लिम महिलाओं ने किए हस्ताक्षर
एजेंसीFri, 17 Mar 2017 09:16 PM
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राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) द्वारा तीन तलाक के खिलाफ चलाए गए अभियान में करीब 10 लाख मुसलमानों ने हस्ताक्षर किए हैं। अभियान को मुस्लिम महिलाओं का भारी समर्थन मिल रहा है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को बड़ी संख्या में मुस्लिम वोट मिलने का दावा किया जा रहा है।

इसके पीछे भाजपा द्वारा उठाए गए तीन तलाक के मुद्दे को बड़ी वजह माना जा रहा है। इस मुद्दे पर भाजपा को मुस्लिम महिलाओं का भरपूर समर्थन मिल रहा है। हालांकि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस मुद्दे का विरोध करता रहा है। आरएसएस नेता और प्रचारक इंद्रेश कुमार का कहना है कि तीन तलाक के मुद्दे पर राष्ट्रव्यापी चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज के लिए जरूरी है कि तीन तलाक को खत्म कर एक सुधारवादी कदम उठाया जाए। 

हित में आगे आ रहीं महिलाएं
ऐसा माना जा रहा है कि महिला सशक्तीकरण के इस युग में मुस्लिम महिलाओं ने अपना हित देखकर भाजपा को विधानसभा चुनावों में वोट दिया है। पिछले कुछ समय से तीन तलाक के मुद्दे को जोर-शोर से उठाकर भाजपा इन महिलाओं की हितैषी बन गई है। इलाहाबाद पश्चिम से विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि पार्टी द्वारा शुरू की गई योजनाओं ने महिलाओं को काफी प्रभावित किया है। इसमें उज्ज्वला योजना के तहत गरीब महिलाओं को गैस सिलेंडर मिले तो स्वच्छ भारत अभियान के तहत घर-घर शौचालय बनाए गए। 

महिलाएं जागरूक हो रहीं
एमआरएम के राष्ट्रीय समन्वयक मोहम्मद अफजल ने हस्ताक्षर अभियान का समर्थन करते हुए कहा कि देश में बदलाव आ रहा है। महिलाएं अपनी आजादी के प्रति जागरूक हो रही हैं और भाजपा सरकार उनकी दबी हुई आवाज को उठा रही है, इसलिए उसे समर्थन मिल रहा है। कहा कि तीन तलाक और इसी तरह की अन्य सामाजिक बुराइयों को दूर करने की कोशिश की जा रही है।

मौलाना आजाद के पोते भी समर्थन में
एमआरएम के अभियान को भारतीय मुस्लिम कांग्रेस लीडर मौलाना अबुल कलाम आजाद के पोते ने भी सराहा। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुसलमानों के हित में सोचते हैं, लेकिन उलेमा मुस्लिम समाज को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। तीन तलाक जैसी सामाजिक बुराइयों को खत्म किया जाना चाहिए।

क्या है तीन तलाक
तलाक अरबी भाषा का शब्द है। जहां मुस्लिम पुरुष अपनी पत्नी को तीन बार ‘तलाक-तलाक-तलाक’ बोलकर संबंध विच्छेद कर लेता है। हालांकि इस्लाम के मुताबिक तीन माह में तीन बार यह शब्द बोलना होता है, लेकिन कई मामलों में एक साथ ही तीन बार ऐसा बोलकर संबंध तोड़ लिया जाता है। जिसका खामियाजा पीड़ित महिला को भुगतना पड़ता है।

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