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झारखंड में हजारों करोड़ का होगा निवेश

आगामी 23 और 24 अप्रैल को प्रदेश सरकार दर्जन भर कंपनियों के साथ कई हजार के निवेश प्रस्ताव के लिए एमओयू करेगी। एडवांटेज झारखंड समिट के मौके पर ये एमओयू प्रदेश में खाद्य-प्रसंस्करण उद्योगों के लिए...

झारखंड में हजारों करोड़ का होगा निवेश
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 19 Apr 2015 10:23 PM
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आगामी 23 और 24 अप्रैल को प्रदेश सरकार दर्जन भर कंपनियों के साथ कई हजार के निवेश प्रस्ताव के लिए एमओयू करेगी। एडवांटेज झारखंड समिट के मौके पर ये एमओयू प्रदेश में खाद्य-प्रसंस्करण उद्योगों के लिए होंगे। प्रस्तावित एमओयू के तहत मदर डेयरी वेजफेड के साथ मिलकर सब्जी और फल का प्रोसेसिंग प्लांट लगाने जा रही है।
एनसीडीएक्स प्रदेश में पहली बार कमोडिटी एक्सचेंज खोलने जा रहा है। एलएल लॉजिस्टिक्स नामक कंपनी कोल्ड चेन में 100 करोड़ का निवेश करेगी। अमेरिकी कंपनी मैकडेनाल्ड पेल्ज ने फूड प्रोसेसिंग उद्योग में निवेश करने की इच्छा जाहिर की है। पुणे की समृद्धि डेयरी ने भी प्रदेश में उद्योग का बड़ा नेटवर्क स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है।

खेलगांव में लगेगा देश-विदेश के निवेशकों का जमावड़ा
खेलगांव में आयोजित एडवांटेज झारखंड समिट में देश-विदेश के उद्योगपतियों का जमावड़ा लगेगा। प्रदेश से बाहर के 300 से अधिक उद्योगपति अपना रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। कर्नाटक, मेघालय, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ समेत आधे दर्जन राज्यों की सरकार इस निवेशक सम्मेलन में अपना पेवेलियन स्थापित कर अपने राज्यों में निवेश संभावनाओं का प्रचार करेगी। साथ ही वहां के  संसाधनों से झारखंड के खाद्य-प्रसंस्करण उद्योग को होने वाले फायदों से अवगत कराएगी। एपीडा, नेशनल हॉर्टीकल्चर बोर्ड और नेशनल मीट रिसर्च बोर्ड समेत भारत सरकार की दर्जन भर संस्थाएं नई तकनीकों और खाद्य-प्रस्संकरण उद्योग की संभावनाओं का प्रदर्शन करेगी। कनाडा के उद्योगपतियों का एक दल भी प्रदेश में निवेश की संभावनाओं को टटोलने के लिए शिरकत करेगा।
इन निजी कंपनियों के लगेंगे स्टॉल
: रिलायंस डेयरी
:टिन प्लेट इंडस्ट्रीज
:जैन इरीगेशन
:क्रिस्टल ग्रुप
:भुल्लर ग्रुप
:इंडसस फूड प्रोडक्ट
:टफेक्स
:ब्यूरो वेरिटस

24 को आएंगे पोलैंड के राजदूत
एडवांटेज झारखंड सम्मेलन के दूसरे दिन भारत में पोलैंड के राजदूत तोमास लुकाजुक भी शिरकत करेंगे। उनके साथ दूतावास की आर्थिक मामलों की प्रभारी मालिया लुकाजुक भी सम्मेलन में हिस्सा लेंगी। इस मौके पर पौलैंड के विशेषज्ञ वहां के खाद्य-प्रस्संकरण उद्योग में अपनाई जा रही नई तकनीकों की जानकारी देंगे। साथ ही झारखंड में इसे अपनाने की संभावनाओं की जानकारी देंगे।

सात सत्रों में बताए जाएंगे झारखंड में निवेश के फायदे
नेशनल मिशन ऑन फूड प्रोसेसिंग के नियाज अहमद ने बताया कि निवेशकों को सात सत्रों में झारखंड में निवेश की संभावनाओं से अवगत कराया जाएगा। ये सत्र फल और सब्जी प्रस्संकरण, मीट उत्पाद, ऑर्गेनिक चेन, मसाला उत्पाद, दूध उत्पाद, मत्स्य उत्पाद, लघु वनोपज और सरकारी सहायता के ऊपर केंद्रित होंगे। नियाज अहमद ने बताया कि झारखंड में खाद का प्रयोग बहुत कम होने के कारण यहां के उत्पाद ऑर्गेनिक हैं और इनकी अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में बहुत अधिक डिमांड है। दूसरी ओर विजिटेबल सरप्लस स्टेट होने के कारण यहां फूड प्रोसेसिंग उद्योग में काफी संभावना है। फलों के मामले में भी प्रदेश काफी तेजी से आगे बढ़ा है। लेकिन प्रदेश में इसकी प्रोसेसिंग का काफी अभाव है। इसलिए उद्योगपति इस खालीपन का फायदा उठा सकते हैं।


1500 है प्रदेश में खाद्य प्रस्संकरण की इकाइयां
1000 करोड़ का है सालाना कारोबार

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