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कश्मीर में बाढ़ की आशंका घटी, मरने वालों की तादाद 17 पर पहुंची

कश्मीर में मौसम सुधरने के साथ ही बाढ़ का खतरा कम हो चला है और झेलम नदी में पानी का स्तर घटने लगा है। हालांकि बडगाम जिले में भूस्खलन वाली जगह से छह और शव मिलने से अचानक आई बाढ़ में मरने वालों की तादाद...

कश्मीर में बाढ़ की आशंका घटी, मरने वालों की तादाद 17 पर पहुंची
एजेंसीTue, 31 Mar 2015 08:29 PM
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कश्मीर में मौसम सुधरने के साथ ही बाढ़ का खतरा कम हो चला है और झेलम नदी में पानी का स्तर घटने लगा है। हालांकि बडगाम जिले में भूस्खलन वाली जगह से छह और शव मिलने से अचानक आई बाढ़ में मरने वालों की तादाद 17 पर पहुंच गई है।

दक्षिण कश्मीर के संगम में झेलम 16.45 फुट पर बह रही है। 24 घंटे पहले यह 22.80 फुट पर उफन रही थी। शहर के राम मुंशी बाग में भी पानी का स्तर डेढ़ फुट तक कम हो गया है और दिन में इसके और घटने की उम्मीद है। आसमान में बादल छाए हुए हैं, लेकिन पिछले 24 घंटे से ताजा बारिश नहीं हुई, जिससे बाढ़ की आशंका कम हो गई है।

मौसम विभाग ने आज और कल हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है। विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा, कश्मीर में अगले 24 घंटे में हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है। केन्द्र के अनुसार जम्मू और कश्मीर में बाढ़ के हालात अभी पिछले साल जितने गंभीर नहीं हैं, लेकिन अधिकारी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए चौकन्ने हैं।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि बडगाम जिले में लादेन गांव में मलबे के तले से छह शव मिले हैं, जिसके साथ ही जम्मू कश्मीर में ताजा बाढ़ से मरने वालों की संख्या 16 हो गई है। भूस्खलन में फंसे एक व्यक्ति की भी मौत होने की आशंका है। बडगाम जिले में कल भारी वर्षा के कारण चार मकान जमीन में धंस गए थे और दो परिवार मलबे में दब गए थे।

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने कल कहा था कि उधमपुर में एक मौत हुई है और जम्मू में भी कुछ इलाकों में अचानक बाढ़ आई। बारिश के पानी से घिरे इलाकों से लोगों को निकालने का काम जारी है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की आठ टीमें कश्मीर पहुंच चुकी हैं। चार हेलीकाप्टरों के साथ सशस्त्र बलों को मुस्तैद रखा गया है ताकि स्थानीय अधिकारी अगर घाटी में बाढ़ की स्थिति घोषित करें तो इन्हें तत्काल तैनात किया जा सके।

शनिवार और रविवार को भारी बारिश के कारण क्षेलम और उसकी सहायक धाराओं में पानी का स्तर अचानक बढ़ गया और घाटी के लोग सात महीने पहले आई प्रलंयकारी बाढ़ को याद कर आशंका से सहम गए। बाढ़ का अंदेशा होने के चलते घाटी में स्कूलों और कालेजों को बंद कर दिया गया और परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं। हालांकि हालात में सुधार को देखते हुए कश्मीर विश्वविद्यालय में परीक्षाएं कल से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही होंगी।

बाढ़ का मसला राज्य विधानसभा में भी उठा और विपक्षी नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के सदस्यों ने सरकार पर राहत अभियानों में बिला वजह देर करने का आरोप लगाते हुए सदन से बहिर्गमन किया। सत्तारूढ़ पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के दो सदस्यों मुश्ताक अहमद शाह और जहूर मीर ने भी उनके चुनाव क्षेमों में पानी निकालने वाले पंपों की अनुपलब्ध्ता के विरोध में सदन से बहिर्गमन किया।

केन्द्र सरकार ने कल तत्काल सहायता के तौर पर राज्य को 200 करोड़ रुपये दिए थे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को हालात का मौके पर मुआइना करने और बाढ़ सहायता से जुड़े बंदोबस्त में राज्य सरकार के साथ समन्वय के लिए कश्मीर भेज दिया था। पिछले साल सितंबर में धरती के स्वर्ग को तबाह करने वाली बाढ़ में 280 लोगों की मौत हो गई थी और हजारों लोग बेघर हो गए थे।

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