BMC चुनाव: कांग्रेस ने शिवसेना को समर्थन देने से इंकार किया
मुम्बई नगर निकाय में सत्ता के लिए गठबंधन को लेकर रहस्य बरकरार है। कांग्रेस ने जहां शिवसेना का समर्थन करने से इंकार किया है वहीं शिवसेना ने कहा कि इसने पार्टी से संपर्क नहीं किया। दूसरी तरफ भाजपा ने...
मुम्बई नगर निकाय में सत्ता के लिए गठबंधन को लेकर रहस्य बरकरार है। कांग्रेस ने जहां शिवसेना का समर्थन करने से इंकार किया है वहीं शिवसेना ने कहा कि इसने पार्टी से संपर्क नहीं किया। दूसरी तरफ भाजपा ने कांग्रेस का समर्थन लेने से इंकार किया है।
इससे पहले कांग्रेस के कुछ सूत्रों ने कहा कि पार्टी की राज्य इकाई में इस बात पर विचार चल रहा है कि शिवसेना का महापौर बनाने के लिए भगवा पार्टी को समर्थन देने पर विचार किया जाना चाहिए ताकि शिवसेना और भाजपा के बीच दरार और चौड़ी हो जाए। उन्होंने कहा कि अंतिम निर्णय कांग्रेस के केंद्रीय नेतत्व को करना है।
भाजपा और शिवसेना दोनों ही 227 सदस्यीय बहन्मुंबई नगर निकाय में जादुई आंकड़ा 114 को हासिल करने से काफी दूर हैं। 21 फरवरी को हुए चुनाव में जहां शिवसेना को 84 सीटें मिलीं वहीं भाजपा ने 82 सीटों पर जीत दर्ज की है। मुंबई कांग्रेस के प्रमुख संजय निरूपम ने कहा कि पार्टी शिवसेना का समर्थन नहीं करेगी। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि भाजपा का कांग्रेस के साथ चुनाव बाद गठबंधन नहीं होगा और न ही पार्टी पारदर्शिता के एजेंडे को छोड़ेगी।
उन्होंने कहा कि जो कांग्रेस के साथ गठबंधन करना चाहते हैं वे करें। भाजपा ऐसी पार्टी है जो विचारधारा को विचारधारा के स्तर पर लड़ती है। हम सत्ता में आएं या नहीं (बीएमसी में) लेकिन हम कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। शिवसेना ने आज दावा किया कि दो और निर्दलीय पार्षदों के समर्थन के साथ उसके 89 पार्षद हो गए हैं।
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि मैं कह सकता हूं कि सबसे ज्यादा पार्षद हमारे हैं और महापौर शिवसेना का होगा। हमने कांग्रेस से समर्थन मांगा है, ऐसी खबर सही नहीं है। इससे पहले कांग्रेस के पूर्व महानगर प्रमुख गुरूदास कामत ने कहा था कि वह शिवसेना से हाथ मिलाने के खिलाफ हैं।
उन्होंने कहा कि बीएमसी में शिवसेना से किसी तरह का गठबंधन या परोक्ष समर्थन पर किसी तरह की चर्चा का मैं कड़ा विरोध करता हूं। उन्होंने कहा कि इस बारे में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को अपने विचार से अवगत करा दिया है। कामत के प्रतिद्वंद्वी संजय निरूपम ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी समान विचारधारा वाले दलों के साथ विचार-विमर्श करने की योजना बना रही है ताकि महापौर के चुनाव के लिए साझा उम्मीदवार बनाया जा सके।
नवनिर्वाचित पार्षदों के साथ बैठक के बाद उन्होंने कहा कि बीएमसी में सत्ता में आने के लिए कांग्रेस शिवसेना का समर्थन नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि शिवसेना के कई नेता इस मुददे पर कांग्रेस के संपर्क में हैं। कांग्रेस के रणनीतिकारों का यह भी विचार था कि इस पहल से देवेन्द्र फडणवीस सरकार गहरे संकट में फंस जाएगी क्योंकि शिवसेना ऐसी स्थिति में गठबंधन तोड़ने के लिए बाध्य हो जाएगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि यह गंभीर मामला है और पार्टी आलाकमान ही इस पर निर्णय कर सकता है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर हम समर्थन (शिवसेना) का निर्णय करते हैं तो हम भाजपा को महापौर पद से वंचित कर सकते हैं लेकिन कितने समय तक अगर हम समर्थन नहीं करते हैं तो भाजपा का महापौर होगा। इस बीच शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं और नवनिर्वाचित पार्षदों ने आज पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की।
पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्य सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे ने दावा किया कि शिवसेना के 89 पार्षद हो गए हैं और मीडिया से चार निर्दलीय पार्षदों को रू-ब-रू कराया और कहा कि ये पार्टी के समर्थन में हैं।