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PAK में छपाई के बाद इन देशों से आ रहे नकली नोट, दाऊद से है कनेक्शन

  दिल्ली समेत देशभर में नकली नोटों को पहुंचाने का रूट अब बदल दिया गया है। पहले ये नोट नेपाल, कश्मीर , यूपी और बंगाल होते हुए पहुंचते थे, लेकिन अब इन्हें श्रीलंका, बांग्लादेश, मलेशिया और

लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 27 Feb 2017 07:38 AM

 

दिल्ली समेत देशभर में नकली नोटों को पहुंचाने का रूट अब बदल दिया गया है। पहले ये नोट नेपाल, कश्मीर , यूपी और बंगाल होते हुए पहुंचते थे, लेकिन अब इन्हें श्रीलंका, बांग्लादेश, मलेशिया और थाईलैंड के रास्ते भेजा जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों की मानें तो इन नकली नोटों की छपाई कराची और लाहौर में ही की जा रही है।

डीसीपी स्पेशल सेल संजीव यादव ने बताया, 'सीमापार से पहुंची नकली नोटों की खेप के साथ हुई गिरफ्तारियों से पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई के गठजोड़ का खुलासा हुआ है। हमारी टीम अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर इस नेटवर्क पर अपनी नजर रखे हुए है।'

नकली नोटों की धर-पकड़ बढ़ने व सीमावर्ती इलाकों में चौक सी बढ़ने के कारण इसके भारत पहुंचने वाले रूट में बदलाव किया गया है। नकली नोटों की आपूर्ति के मामलों की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने ऐसी संभावना जताई है।

3 श्रेणियों से होते हुए खेप आती है भारत 

उम्दा क्वालिटी के नकली नोटों की छपाई कर उसे बाजार में उतारने तक इसकी कीमत आधी तक हो जाती है। दरअसल छपाई के बाद सीमापार से चलने वाली नकली नोट की छपाई की खेप तीन श्रेणियों से होते हुए भारत तक पहुंचती है। इसमें पहली श्रेणी नोटों की छपाई करने वालों की होती है। दूसरी उन लोगों की जो नोटों की भारत में सप्लाई के लिए आईएसआई व भारतीय नेटवर्क की कड़ी का काम करते हैं। 

तीसरी श्रेणी शामिल लोग देश में नकली खेप की सप्लाई पहुंचने के बाद उसे अपने भारतीय नेटवर्क व बाजार में उतारते हैं। सूत्र बताते हैं कि इन नोटों की सप्लाई पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई अपने नेटवर्क के जरिये देश के विभिन्न इलाकों में कराती है।

सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो नकली नोट के धंधे में जुड़े लोगों की आईएसआई द्वारा मदद का मकसद भारतीय अर्थव्यवस्था को तहस-नहस करना है। इसमे अंडरवर्ल्ड से लेकर आतंकी संगठनों तक शामिल हैं।

इकबाल काना है धंधे का सरगना

सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो भारत में फैलाने गए नकली नोटों सप्लाई का सरगना पाकिस्तान के लाहौर में बैठा इकबाल काना है।

इकबाल काना ने आईएसआई नेटवर्क के जरिये नकली नोट के काले कारोबार को खड़ा किया। इसमें काना को अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद अब्राहिम के गुर्गों से भी मदद मिलती है। इतना ही नहीं विभिन्न आतंकी संगठनों के स्लीपर सेल के लोगों को भी इस नेटवर्क से जोड़ा गया है।

अगली स्लाइड में पढ़ें कैसे हो रहा नकली नोट का 'खेल'

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ऐसे हो रहा नकली नोट का 'खेल'

अब तक 35 करोड़ बरामद

बैंक की तरफ से नकली नोट से संबंधित मामलों की रिपोर्ट दर्ज करने के लिए संसद मार्ग थाने को नोडल थाना बनाया गया है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक अब तक ऐसे सौ मामले दर्ज कर करीब 35 करोड़ रुपये की बरामदगी की गई है।

- 27.95 करोड़ रुपये बरामद हुए नोटबंदी के बाद 
- 5.74 करोड़ रुपये बरामद हुए थे नोटबंदी से पहले

दिल्ली में नोटबंदी के बाद कब-कितनी बरामदगी

28 जनवरी, 2017: 18 लाख के नकली नोट के साथ तीन गिरफ्तार

10 जनवरी, 2017: छह लाख के नकली नोट के साथ दो पकड़े गए

11 दिसंबर, 2016 : ग्रेटर कैलाश पार्ट एक में 13.65 करोड़ बरामद

24 नवंबर, 2016 : निजामुद्दीन से क्राइम ब्रांच की टीम ने 27 लाख के नए नोट के साथ दो लोग दबोचे

22 नवंबर, 2016 : कश्मीरी गेट में तीन लोगों से 3.5 करोड़ बरामद

19 नवंबर, 2016 : आनंद विहार पर एक युवक से 97 लाख पकड़े

17 नवंबर, 2016 : पहाड़गंज से डॉक्टर से 67.86 लाख मिले

12 नवंबर, 2016 : गीता कालोनी इलाके से आटो सवार दो लोगों के पास पुलिस ने 50 लाख बरामद

इन एजेंसियों की मदद से हो रही कार्रवाई

दिल्ली पुलिस नकली नोट के काले कारोबार पर रोक लगाने के लिए आईबीआई, कस्टम व इंटेलीजेंस ब्यूरो जैसी अन्य एजेंसियों की मदद ले रही है। ताकि आईएसआई की मदद से भारत की अर्थव्यवस्था को खराब करने के लिए चलाए जा रहे इस अभियान को रोका जा सके।

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