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चुनाव आयोग सख्त: नतीजों के लिए ज्योतिषियों की भविष्यवाणी गैर कानूनी

चुनाव आयोग ने गुरुवार को एग्जिट पोल के नतीजों को दिखाने पर पाबंदी की ही तर्ज पर ज्योतिषियों और टैरों रीडरों के जरिए चुनावी नतीजों की भविष्यवाणी को गैरकानूनी बताया है। आयोग ने मीडिया को सचेत किया...

चुनाव आयोग सख्त: नतीजों के लिए ज्योतिषियों की भविष्यवाणी गैर कानूनी
एजेंसीThu, 30 Mar 2017 11:50 PM
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चुनाव आयोग ने गुरुवार को एग्जिट पोल के नतीजों को दिखाने पर पाबंदी की ही तर्ज पर ज्योतिषियों और टैरों रीडरों के जरिए चुनावी नतीजों की भविष्यवाणी को गैरकानूनी बताया है।

आयोग ने मीडिया को सचेत किया है कि भविष्य में स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबंध की अवधि के दौरान ऐसे कार्यक्रमों का प्रकाशन-प्रसारण नहीं करें। मीडिया संगठनों को भेजे परामर्श में आयोग ने जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 126-ए का जिक्र किया, जिसमें साफ है कि चुनाव आयोग की ओर से अधिसूचित की गई ऐसी अवधि के दौरान कोई व्यक्ति प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिए कोई एग्जिट पोल नहीं करेगा और न ही इनके नतीजों को प्रकाशित-प्रसारित करेगा और न ही इसे किसी अन्य तरीके से वितरित करेगा।

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उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर की विधानसभाओं के चुनाव के दौरान एग्जिट पोलों पर प्रतिबंध की अवधि चार फरवरी की सुबह सात बजे से लेकर नौ मार्च की शाम 5:30 बजे तक थी । नौ मार्च को अंतिम मतदान हुए थे। 

आयोग ने कहा कि कुछ टीवी चैनलों ने ऐसे कार्यक्रम प्रसारित किए जिनमें राजनीतिक पार्टियों की ओर से जीती जा सकने वाली सीटों की संख्या बताई गई। यह उस वक्त किया गया जब एग्जिट पोलों पर प्रतिबंध की अवधि लागू थी। 

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आयोग का मानना है कि ज्योतिषियों, टैरो रीडरों, राजनीतिक विश्लेषकों या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा प्रतिबंध की अवधि के दौरान किसी भी स्वरूप या तरीके से चुनावी नतीजों की भविष्यवाणी करना धारा 126-ए का उल्लंघन है। आयोग ने इस संबंध में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया एवं न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन को पत्र लिखा गया है।

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