अख्तर को बबीता का जवाबः गद्दारी से अच्छा है अनपढ़ रहकर देशभक्त बनें
दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा गुरमेहर कौर पर टिप्पणी को लेकर जावेद अख्तर के बयान पर पहलवान बबीता फोगट ने बुधवार को पलटवार किया। उन्होंने ट्वीटर पर लिखा कि पढ़ लिखकर गद्दारी करने से अच्छा है अनपढ़...
दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा गुरमेहर कौर पर टिप्पणी को लेकर जावेद अख्तर के बयान पर पहलवान बबीता फोगट ने बुधवार को पलटवार किया। उन्होंने ट्वीटर पर लिखा कि पढ़ लिखकर गद्दारी करने से अच्छा है अनपढ़ रहकर देशभक्त बनें और देश के लिए खेलकर देश का नाम रोशन करें।
पढ़ लिख कर गद्दारी करने से अच्छा है अनपढ़ रहकर देशभक्त बने और देश के लिए खेलकर देश का नाम रोशन करे... ek bar bolo #hindustanjindabad# https://t.co/Ztc6Mhww52
— Babita Phogat (@BabitaPhogat) March 1, 2017
उन्होंने अपने ट्वीट को #hindustanjindabad# से हैशटैग किया है।
अख्तर ने मंगलवार को ट्वीट किया था कि यदि कोई बमुश्किल साक्षर खिलाड़ी या पहलवान एक शहीद की शांतिप्रिय पुत्री को ट्रोल करता है तो यह समझा जा सकता है लेकिन कुछ पढ़े-लिखे व्यक्तियों को क्या हो गया है। जावेद अख्तर ने गुरमेहर को ट्रोल करने पर वीरेंद्र सहवाग और पहलवान योगेश्वर दत्त की आलोचना की थी।
इस पर योगेश्वर दत्त ने ट्वीट किया था कि कबीरदास जी कभी विश्वविद्यालय नहीं गए किन्तु उनके व्यवहारिक ज्ञान को सलाम करते हैं। योगेश्वर ने कमाल खान और जावेद अख्तर की ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा है कि कल तक अपनढ़ तो थे ही, आज इन्होंने तो हमारी कीमत भी लगा दी।
लो भाई इन्होंने तो हमारी क़ीमत भी लगा दी. कल तक "Hardly literate" तो थे ही आज "दो कौड़ी" के हो गए । कितना होता है दो कौड़ी? मैंने देखा नहीं pic.twitter.com/mYDmYh6JrD
— Yogeshwar Dutt (@DuttYogi) March 1, 2017
इससे पहले योगेश्वर ने लिखा था कि जो भी देश से गद्दारी करे उसे फांसी होनी चाहिए, चाहे कोई भी हो। देश से ऊपर कोई नहीं है।
Jo bhi desh se gadari kre use fansi honi chaie chae koi bhi ho desh se upr kuch nhi #jaihind# https://t.co/jRDI1znCeh
— Yogeshwar Dutt (@DuttYogi) February 28, 2017
गौरतलब है कि 20 साल की छात्रा गुरमेहर कौर ने रामजस कॉलेज में हुई हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर आई एम नॉट अफ्रेड ऑफ एबीवीपी (मैं एबीवीपी से नहीं डरती) अभियान शुरू किया था। सोशल मीडिया पर यह अभियान वायरल हो गया और इसे विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्रों से पुरजोर समर्थन मिला।
उसने सोशल मीडिया पर पिछले साल 'पाकिस्तान ने मेरे पिता को नहीं मारा बल्कि युद्ध ने मारा' तख्ती लेकर युद्ध विरोधी संदेश दिया था।