हरियाणा सरकार का दावा, अपना आंदोलन वापस ले रहे हैं जाट
हरियाणा सरकार ने दावा किया कि जाट नेता आरक्षण की मांग को लेकर राज्य के विभिन्न हिस्सों में पिछले 48 दिन से चल रहे आंदोलन को वापस लेने पर राजी हो गए हैं। राष्ट्रीय राजधानी को घेरने के लिए जाट समुदाय...
हरियाणा सरकार ने दावा किया कि जाट नेता आरक्षण की मांग को लेकर राज्य के विभिन्न हिस्सों में पिछले 48 दिन से चल रहे आंदोलन को वापस लेने पर राजी हो गए हैं। राष्ट्रीय राजधानी को घेरने के लिए जाट समुदाय की ओर से आहूत विशाल रैली से महज कुछ ही दिन पहले आंदोलन वापस लिए जाने की बात हो रही है।
जाटों द्वारा विरोध प्रदर्शन समाप्त करने के इरादे की घोषणा करते हुए कैबिनेट मंत्री राम बिलास शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने समुदाय की सात मांगे मान ली हैं। इसमें उच्च न्यायालय का फैसला आने तक आरक्षण के मामले को संविधान की नौवीं अनुसूची में रखना भी शामिल है। शर्मा ने कहा कि जाट, जो हमारे बड़े परिवार के सदस्य हैं, अपना आंदोलन वापस लेने को राजी हो गए हैं। कल पानीपत में हुई बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। इसमें जाट समुदाय की सभी खापों ने हिस्सा लिया। राज्य सरकार ने उनकी सात मांगें मान ली हैं।
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हालांकि, जिस संवाददाता सम्मेलन में इस आशय की घोषणा हुई वहां अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के नेता यशपाल मलिक उपस्थित नहीं थे। मलिक को इस संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ उपस्थित रहना था।
दोनों पक्षों के बीच सहमति की सूचना देते हुए शर्मा ने कहा कि आंदोलन के दौरान जो लोग मारे गए हैं उनके परिवार के सदस्यों को 60 दिन के भीतर नौकरी देने पर सरकार राजी हो गई है। उन्होंने कहा कि समुदाय के जो भी युवा जेल में बंद हैं, उनके खिलाफ दर्ज मुकदमों की फिर से जांच होगी। शर्मा के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय समिति ने कल जाट नेताओं से पानीपत में भेंट की थी।