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जाट आंदोलन: झड़प में एसपी, डीएसपी सहित नौ पुलिसकर्मी घायल

जाट प्रदर्शनकारियों को रविवार को दिल्ली कूच करने से जब रोका गया तब पुलिस से उनकी झड़प हो गई। इसमें एक पुलिस अधीक्षक और एक पुलिस उपाधीक्षक सहित नौ पुलिसकर्मी घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने...

जाट आंदोलन: झड़प में एसपी, डीएसपी सहित नौ पुलिसकर्मी घायल
एजेंसीSun, 19 Mar 2017 07:11 PM
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जाट प्रदर्शनकारियों को रविवार को दिल्ली कूच करने से जब रोका गया तब पुलिस से उनकी झड़प हो गई। इसमें एक पुलिस अधीक्षक और एक पुलिस उपाधीक्षक सहित नौ पुलिसकर्मी घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने सिरसा-हिसार-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर धानी गोपाल गांव में हुई झड़प के दौरान पुलिस की दो बसों को भी आग के हवाले कर दिया। स्थिति उस वक्त तनावपूर्ण हो गई, जब हिसार जिले के चामरखेड़ा और खीरी गांवों से जाट प्रदर्शनकारियों ने धानी गोपाल में धरना में शामिल होने के लिए फतेहाबाद जिले में घुसने की कोशिश की।

पुलिस ने बताया कि जाट प्रदर्शनकारियों के साथ ट्रैक्टर ट्रॉलियों ने पुलिस अवरोधकों को तोड़ने की कोशिश की। वहां तैनात किए गए डीएसपी गुरदयाल सिंह ने उनसे पैदल जाने और शांतिपूर्वक धरना देने की अपील की लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं झुके। बाद में, कुछ बदमाशों ने पुलिस दल पर पथराव किया। इसके जवाब में पुलिसकर्मियों ने लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। झड़प में नौ पुलिसकर्मी घायल हो गए और प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की दो बसों को आग के हवाले कर दिया।

एसपी ओपी नरवाल के हाथ में चोट लगी। डीएसपी गुरदयाल सिंह, निरीक्षक कुलदीप, एएसआई साधु राम, सोहन लाल, मेजर सिंह, दया राम और कृष्णन को भी चोट लगी है। एसपी नरवाल ने बताया कि डीएसपी और पुलिस निरीक्षक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालात पर काबू पाने के लिए और अधिक पुलिस बल को बुलाया गया।

नरवाल ने संवादाताओं को बताया, स्थिति नियंत्रण में है। बैरियर पर हमने हिसार से आने वाली ट्रैक्टर ट्रालियों को हमारे जिले में घुसने की इजाजत नहीं दी। हमारे अनुरोध को स्वीकार करने की बजाय उन्होंने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया और स्थिति तनावपूर्ण हो गई। कुछ प्रदर्शनकारी लाठी भी लिए हुए थे। प्रदर्शनकारी मीडियाकर्मियों से भी भिड़ गए। उन्होंने इन लोगों के कैमरों से वीडियो और तस्वीरें कथित तौर पर मिटा दी तथा उनके उपकरण को नुकसान पहुंचाया। बाद में मीडियाकर्मियों ने पुलिस के पास एक शिकायत दर्ज करा कर जाट आंदोलनकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। 
  
वहीं, एक जाट नेता ने दावा किया कि पुलिस ने उस वक्त आंसू गैस के गोले छोड़े और उन्हें तितर बितर करने की कोशिश की, जब वे लोग शांतिपूर्ण तरीके से मार्च कर रहे थे। उन्होंने दावा किया कि कुछ प्रदर्शनकारी घटना में घायल भी हुए।

इस बीच, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहन लाल खट्टर ने समुदाय के 50 दिनों से चले आ रहे कोटा आंदोलन को खत्म करने की कोशिश के तहत दिल्ली में आज जाट नेताओं के साथ बातचीत की। जाट समुदाय के मांगों के समर्थन में कल संसद का घेराव करने से पहले यह वार्ता की गई।

इससे पहले हरियाणा के रोहतक, झज्झर, सोनीपत और कैथल सहित कई संवेदनशील जिलों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा जारी की गई और इंटरनेट सेवाएं रोक दी गईं। ऑल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने इससे पहले धमकी दी थी कि वह कल दिल्ली कूच करेगी। इसके बाद दिल्ली की सीमा से लगे कई जिलों में सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया था। गौरतलब है कि पिछले साल जाट आंदोलन के दौरान हिंसा में 30 लोग मारे गए थे और करोड़ों रुपये की सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा था।

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