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ALERT : चौंका देने वाला रिसर्च, बच्चों में बढ़ रहा कैंसर का खतरा

कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी बच्चों को भी अपने चपेट में ले रही है। कई सालों से चाइल्डहुड कैंसर पर रिसर्च कर रही स्पेन की नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट ने एक रिपोर्ट जरिए जानकारी दी है कि बच्चों में...

ALERT : चौंका देने वाला रिसर्च, बच्चों में बढ़ रहा कैंसर का खतरा
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 25 Aug 2016 01:34 PM
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कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी बच्चों को भी अपने चपेट में ले रही है। कई सालों से चाइल्डहुड कैंसर पर रिसर्च कर रही स्पेन की नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट ने एक रिपोर्ट जरिए जानकारी दी है कि बच्चों में होने वाले कैंसर वयस्कों की तुलना में अलग तरह के होते हैं। बच्चों में होने वाले कैंसर विभिन्न प्रकार हैं; जैसे ल्यूकीमिया, ब्रेन एंड अदर सेंट्रल नर्वस सिस्टम ट्यूमर, न्यूरोब्लास्टोमा, लिम्फोमा, रैब्डोमायोसरकोमा, रेटिनोब्लास्टोमा, बोन कैंसर आदि जिनसे बच्चों को अधिक खतरा है।

क्या है कैंसर होने का कारण?
युवा, वयस्क और वृद्धों में अमूमन कैंसर के लक्षण देखने को मिलते हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों में दुनियाभर के कई बच्चों में भी कैंसर की शिकायतें मिली हैं। कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी बॉडी के अलग-अलग हिस्सों में सामान्य कोशिकाओं के अनियंत्रित वृद्धि के वजह से होता है। नॉर्मल सिचुएशन में ऐसे सेल्स कंट्रोल में होते हैं। कभी-कभी नॉर्मल सेल्स के अंदर डीएनए मॉलीक्यूल्स में अपरिवर्तनीय क्षति के कारण कर्सिनोजन हमला कर देते हैं। जिससे हमारे शरीर में कैंसर जैसी बीमारी जगह लेने लगती है। कम उम्र या बचपन में ऐसे लक्षण मिलने पर चाइल्डहुड कैंसर कहलाता है।

क्या हैं आंकड़ें?
एक रिपोर्ट के अनुसार अनुमान लगाया गया है कि चाइल्डहुड कैंसर के कारण हर साल 1.75 लाख बच्चों की मौत हो जाती है। एक अनुसंधान द्वारा जानकारी मिली है कि चाइल्डहुड कैंसर से मरने वाले बच्चों की मृत्यु दर लगभग 20 फीसदी थी, जिसमें 0.6 प्रतिशत की वृद्धि हो गई है।  

ये हैं लक्षण
कैंसर के लक्षण को पहचानना मुश्किल होता है, क्योंकि ये सामान्य बीमारी की तरह होते हैं जैसे सुस्ती, कमजोरी, चक्कर आना, पीठ, पैर, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द, असामान्य रक्तस्त्राव, मसूढ़ों से खून आना, भूख न लगना, वजन घटना, पेट में सूजन, पेटदर्द, कब्ज, सांस लेने में कठिनाई, लगातार खांसी, पीठ दर्द, पुतली के पीछे सफेद रंग आदि। कैंसर स्पेशलिस्ट इन चाइल्डहुड ट्यूमर्स के एक्सपर्ट के अनुसार बच्चों में ऐसे लक्षण दिखने पर एक बार डॉक्टर को जरूर दिखाएं। 

कैसे करें देखभाल

  • कैंसर के लक्षण मिलने पर डॉक्टर द्वारा बताए गए सलाह के अनुसार ही बच्चों की देखभाल करें।
  • अलग-अलग बच्चों में कैंसर के प्रकार भी भिन्न होते हैं, इसलिए यह ध्यान देना जरूरी है कि खानपान और रहन-सहन कैसा हो।
  • बच्चे में कैंसर का विकास और शरीर के दूसरे अंगों में कैंसर कितना फैल चुका है; यह जानना बेहद जरूरी है।
  • घर के सदस्यों में कोई भी एक सदस्य हमेशा बच्चे की निगरानी में रहना चाहिए।
  • यदि कैंसर के लक्षण में परिवर्तन दिखे, तो डॉक्टर में संपर्क में रहें और उन्हें सूचना दें।

बच्चों में कैंसर के प्रकार

बोन कैंसर 
बच्चों में होने वाली बोन कैंसर की बीमारी हड्डियों को प्रभावित करता है। यह शरीर के किसी भी अंग से शुरू होकर हड्डियों में फैलता रहता है। इससे हड्डियों में सूजन और दर्द की समस्या होती है। ट्यूमर और इसके पास के ऊत्तकों को हटाने के लिए सर्जरी, ट्यूमर व कैंसर की कोशिकाओं की वृद्धि को धीमा करने या नष्ट करने के लिए कीमोथैरेपी कैंसर का उपचार है।

ल्यूकीमिया
बोन मैरो और ब्लड कैंसर को ल्यूकीमिया कहते हैं। बच्चों में पाए जाने वाले कैंसर में ल्यूकीमिया 30 फीसदी होता है। इसके लक्षण कुछ इस प्रकार हैं- जैसे हड्डियों के जोड़ में दर्द, थकान, कमजोरी और त्वचा का पीला पड़ जाना आदि। कीमोथैरेपी इसका एकमात्र इलाज है।

न्यूरोब्लास्टोमा
कैंसर का यह प्रकार नवजातों और छोटे बच्चों को होता है। यह शायद ही कभी 10 वर्ष से ज्यादा आयु के बच्चों में देखा गया हो। पेट में सूजन, हड्डी में दर्द और बुखार इसके लक्षण हैं।

ब्रेन एंड अदर सेंट्रल नर्वस सिस्टम ट्यूमर
इसमें सिरदर्द, उल्टी, धुंधला या डबल दिखना, चक्कर आना, चलते समय सहारे की जरूरत पडऩा जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। ऐसे में भी कैंसर स्पेशलिस्ट डॉक्टर को दिखाएं।

लिम्फोमा
लिम्फोमा के लक्षणों में वजन घटना, बुखार, पसीना और थकान आदि देखने को मिलते हैं। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और उनके बताए हुए राय को गंभीरतापूर्वक माननी चाहिए।

टिनोब्लास्टोमा
यह आंखों का कैंसर होता है। आमतौर पर यह दो साल की उम्र के आसपास होता है। लक्षण के तौर पर आंखों में लाल रंग दिखता है तथा आंखों की पुतली अक्सर सफेद या लाल लगती है।

रैब्डोमायोसरकोमा
कैंसर का यह प्रकार सिर, गर्दन, कमर, पेट, हाथ और पैर के अलावा शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। इस कैंसर के मामले बेहद कम सामने आते हैं।

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