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टाटा समूह को झटका: सुखना में आवासीय परियोजना को मिली मंजूरी रद्द

चंडीगढ़ में सुखना झील के पास बन रहे टाटा हाउसिंहग डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड की अत्याधुनिक आवासीय परियोजना को हाईकोर्ट से करारा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने बुधवार को टाटा कैमलॉट आवासीय परियोजना को मंजूरी...

टाटा समूह को झटका: सुखना में आवासीय परियोजना को मिली मंजूरी रद्द
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 12 Apr 2017 07:47 PM
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चंडीगढ़ में सुखना झील के पास बन रहे टाटा हाउसिंहग डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड की अत्याधुनिक आवासीय परियोजना को हाईकोर्ट से करारा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने बुधवार को टाटा कैमलॉट आवासीय परियोजना को मंजूरी देने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा है कि टाटा की यह अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस आवासीय परियोजना जिस जमीन पर बनने जा रही है वह सुखना झील के कछार (जलग्रहण क्षेत्र) की है।

चीफ जस्टिस जी. रोहिणी और जस्टिस राजीव सहाय एंडलॉ की पीठ ने दो जनहित याचिकाओं का निपटारा करते हुए यह फैसला दिया है। पीठ ने कहा है कि ‘पर्यावरण केवल एक वैधानिक मुद्दा नहीं है लेकिन यह संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार के मुख्य पहलुओं में से एक है।’ इसके साथ ही पीठ ने 5 जुलाई, 2012 को नगर पंचायत (नया गांव) द्वारा टाटा कैमलॉट आवासीय परियोजना के निर्माण के लिए दी गई अनुमति को भी रद्द कर दिया है। 
हाईकोर्ट ने कहा है कि पंजाब सरकार इस परियोजना को दोबारा से मंजूरी देने के लिए विचार करती है तो इस फैसले और नियमों को ध्यान में रखकर करे। पीठ ने साफ किया है कि भारत का सर्वेक्षण मानचित्र ने 2004 में इलाके का सर्वे किया है और इससे साफ होता है कि परियोजना सुखना झील के कछार पर बनना प्रस्तावित है। हाईकोर्ट ने 169 पन्नों के अपने फैसले में इस परियोजना के लिए टाटा को पंजाब राज्य पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण द्वारा जुलाई 2013 में पर्यवारण संबंधि मंजूरी दिए जाने को भी रद्द कर दिया है। साथ ही पंजाब सरकार से कहा है कि यदि इस पर दोबारा विचार किया जाता तो पर्यवारण संबंधी नियमों को सख्ती से पालन किया जाए। 

हाईकोर्ट ने अधिवक्ता आलोक जग्गा और सरीन मेमोरीयल ऐड फाउंडेशन की ओर से दाखिल जनहित याचिका का निपटारा करते हुए दिया है। उन्होंने आरोप लगाया था कि पंजाब सरकार और अन्य संबंधित प्राधिकरण न सिर्फ आवासीय परियोजना से संबंधित नियमों बल्कि पर्यावरण हितों के संरक्षण से जुड़ी कानून की अनदेखी कर टाटा करा झील की जमीन पर आवासीय परियोजना लाने की अनुमती दी है। इस मामले में पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट टाटा के इस आवासीय परियोजना को मंजूरी दे दी थी। लेकिन याचिकाकर्तओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा इस परियोजना को मंजूरी देने के आदेश पर रोक लगाते हुए याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट भेज दिया था।

टाटा कैलमॉट परियोजना एक नजर (याचिका के अनुसार)
कुल जमीन -52 एकड़
कुल - 19 टावर,
मंजिल- 7 से 28 मंजिल
लगभग 2000 फ्लैट
1800 करोड़ की परियोजना

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