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मारुति के मैनेजर की हत्या में 13 को उम्रकैद

मानेसर के मारुति सुजुकी के मैनेजर (मानव संसाधन) अवनीश कुमार देव की 18 जुलाई 2012को हुई हत्या मामले में शनिवार को 13 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।  अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आर.पी....

मारुति के मैनेजर की हत्या में 13 को उम्रकैद
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 18 Mar 2017 07:28 PM
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मानेसर के मारुति सुजुकी के मैनेजर (मानव संसाधन) अवनीश कुमार देव की 18 जुलाई 2012को हुई हत्या मामले में शनिवार को 13 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। 

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आर.पी. गोयल की अदालत ने शुक्रवार को अभियोजन व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने इन 13 के अलावा चार अभियुक्तों को पांच-पांच साल सजा सुनाई। इनमें से अधिकांश चार साल की सजा जेल में काट चुके हैं। 14 अन्य अभियुक्तों को दंगा करने के मामले में जुर्माना लेकर रिहा कर दिया गया। बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि वह पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में इस फैसले को चुनौती देंगे।

मारुति मैनेजर की हत्या व अन्य मामलों में जिन 13 अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई, उनमें राम मेहर, संदीप ढिल्लों, रामविलास, सरबजीत सिंह, पवन कुमार, सोहन कुमार, प्रदीप कुमार, अजमेर सिंह, जिया लाल, अमरजीत कपूर, धनराज भांबी, योगेश कुमार और प्रदीप गुज्जर शामिल हैं। इन्हें भारतीय दंड संहिता में हत्या, हत्या के प्रयास, दंगा, संपत्ति का नुकसान और दुर्व्यवहार मामले में दोषी पाया गया। मैनेजर देव को कर्मचारियों ने विवाद होने के बाद आग में झोंक कर मार डाला था।

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इस मामले में 117 अभियुक्तों को बरी कर दिया गया था। पुलिस ने इस मामले में 148 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया था। 62 आरोपी फरार चल रहे हैं। 

मारुति कांड में कब क्या हुआ

18 जुलाई, 2012: मारुति सुज़ुकी के मानेसर प्लांट में हिंसा का अंत मानव संसाधन प्रबंधक अवनीश कुमार देव की मृत्यु से हुआ। 40 से अधिक अधिकारी घायल हो गए। एफआईआर धारा दणड प्रक्रिया संहिता की धारा 114, 120-बी, 147, 148, 14 9, 201, 302, 307, 323, 325, 332/34, 353, 381, 382, 427, 436, 452 के तहत दायर की गई।

16 अक्तूबर 2012: आरोप पत्र दायर किया गया।

2013: हरियाणा एवं पंजाब हाईकोर्ट चंड़ीगढ़ में न्यायाधीश इमान खान की अदालत ने पहली जमानत मंजूर की।

23 फरवरी 2015: आरोपी श्रमिकों की दो बले उच्चत्तम न्यायालय ने मंजूर की।

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मार्च / अप्रैल 2015: मामले की सुनवाई कर रही स्थानीय अदालत ने 100 से अधिक आरोपी श्रमिकों कर्मचारियों को जमानत दे दी।

01 जुलाई 2016: सर्वोच्च न्यायालय ने अमित नैन की जमानत मंजूर की।

21 जुलाई 2016: सुमित नैन की जमानत स्थानीय ट्रायल कोर्ट ने मंजूर की।

11 अगस्त 2016: ट्रायल कोर्ट ने इस मामले के आरोपी 18 श्रमिकों को जमानत दी

12 सितंबर 2016: ट्रायल कोर्ट द्वारा जमानत पर 5 और श्रमिक बाहर आए।

9 दिसंबर, 2016: इस मामले में अंतिम बहस की कार्रवाई शुरू हुई।

148 गिरफ्तारियां हुई थी 2012 में

02 गिरफ्तारियां वर्ष 2015-16 के बीच हुई।

150 श्रमिकों की गिरफ्तारियां हुई

139 श्रमिक जमानत पर बाहर हैं

11 श्रमिक अब भी जमानत के अभाव में जेल में हैं।

500 से ज्यादा नियमित और 2000 अनुबंधित कर्मचारी बर्खास्त कर दिए थे। 102 साक्षियों की अभियोजन पक्ष ने जांच कराई

500 से ज्यादा नियमित और 2000 अनुबंध कार्यकर्ता मारुति प्रबंधन ने हिंसा के सिलसिले में बर्खास्त किए ।

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