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ओपीडी में लगी नंबर देने वाली मशीन

कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में सोमवार को पुरूष और महिला के लिए दो स्वत: क्रम संख्या देने वाली नंबर मशीन लगा दी गई हैं। इसके माध्यम से उपचार के लिए आने वाले कार्ड...

ओपीडी में लगी नंबर देने वाली मशीन
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 21 Mar 2017 07:26 PM
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कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में सोमवार को पुरूष और महिला के लिए दो स्वत: क्रम संख्या देने वाली नंबर मशीन लगा दी गई हैं। इसके माध्यम से उपचार के लिए आने वाले कार्ड धारकों को एक टोकन नंबर दिया जाएगा। इसके आधार पर पंजीकरण काउंटर से उनका ओपीडी कार्ड बनाया जाएगा। अपने नंबर का इंतजार करने के लिए यहां करीब 50 से अधिक कुर्सियां लगा दी गई हैं।

तीन नंबर ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में रोजाना 13 सौ से अधिक लोग प्राथमिक उपचार के लिए आते हैं। इसके लिए सुबह साढ़े आठ बजे से करीब एक बजे तक पंजीकरण होता है। इस दौरान मरीजों को कतार में खड़ा होकर अपनी पारी का इंतजार करना पड़ता था। इसे दूर करने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने दो श्रृंखला नंबर देने वाली बेडिंग मशीन लगाई है। इस पर अस्थाई रूप से एक-एक कर्मचारियों को तैनात किया गया है। जो उपचार के लिए आने वाले मरीजों को टोकन नंबर निकालकर देता है। यह नंबर पंजीकरण काउंटर के ऊपर लगे डिस्प्ले बोर्ड पर दिखाई देते रहता है। इस दौरान मरीज वेटिंग हॉल में लगी कुर्सी पर बैठकर अपने नंबर का इंतजार करते रहता है।

ओपीडी कार्ड बनाने के दौरान मरीज से बीमारी के संबंध में पूछकर संबंधित डॉक्टर के पास डॉक्टर का कमरा नंबर और मरीज की संख्या लिखकर मैन्यूयल पर्ची दी गई। ताकि मरीज को उपचार के दौरान खड़ा होकर कहीं इंतजार नहीं करना पड़ा।

मेडिकल कॉलेज अधीक्षक डॉ. पीपी जैन ने कहा कि मरीजों की परेशानियों को देखते हुए यह निर्णय लिया है। वेडिंग मशीन से नंबर लेकर वह कुर्सी पर बैठकर अपनी पारी का इंतजार करते रहते हैं। पर्ची नंबर पंजीकरण काउंटर पर रखे डिस्प्ले बोर्ड पर दिखाई देते रहता है।

जिले में कार्ड होल्डरों की संख्या : करीब साढ़े पांच लाख 
ओपीडी में मरीजों की संख्या
रोजाना : 13 सौ 
छूट्टी के दूसरे दिन : करीब 15 सौ
इडोर मरीज : 210
पैथोलॉजिकल जांच : 1000 (खून व अन्य बीमारियों की जांच)

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