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3 लाख तक आय वालों को मिलेगी मुफ्त में कानूनी सहायता

अब 3 लाख तक सालाना कमाने वाले लोगों को भी मुकदमा लड़ने के लिए मुफ्त में वकील मिलेगा। गुरुवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश इंद्रजीत मेहता ने सेक्टर-12 स्थित अदालत में अपने चेंबर में आयोजित प्रेसवार्ता के...

3 लाख तक आय वालों को मिलेगी मुफ्त में कानूनी सहायता
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 16 Mar 2017 11:51 PM
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अब 3 लाख तक सालाना कमाने वाले लोगों को भी मुकदमा लड़ने के लिए मुफ्त में वकील मिलेगा। गुरुवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश इंद्रजीत मेहता ने सेक्टर-12 स्थित अदालत में अपने चेंबर में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के इस कदम से काफी लोगों को फायदा मिलेगा। 

उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा लोगों को मुफ्त में वकील उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। इसमें नौजवान वकीलों को मौका दिया जा रहा है। ताकि उनका अनुभव भी बढ़े और लोगों को भी फायदा हो। उन्होंने बताया कि अभी तक 1 लाख 50 हजार तक की सालाना आय वाले लोगों को ही मुफ्त में वकील की सुविधा मिलती थी। पिछले कुछ समय में लोगों की आमदनी बढ़ी है। जिस कारण इस सेवा का फायदा ज्यादा लोगों को नहीं मिल पा रहा था। 

8 अप्रैल को लगेगी लोक अदालत: जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने बताया कि 8 अप्रैल को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। मौजूदा समय में सभी अदालतों में 43 हजार मुकदमे विचाराधीन हैं। लोक अदालत में मुकदमे का निपटारा करने से लोगों की रंजिश खत्म हो जाती है। वहीं अदालत के चक्कर भी नहीं काटने पड़ते हैं। उन्होंने बताया कि लोक अदालत में मामला रखने के लिए दोनों पक्षों में से कोई भी पक्ष अदालत में जाकर आवेदन कर सकता है। वकीलों से भी लोक अदालत में मामले रखवाने की गुजारिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि लोक अदालत में उन मुकदमों को रखने का प्रयास किया जाएगा, जो ज्यादा समय से विचाराधीन हैं। लोक अदालत में विशेषतौर पर चेक बाउंस, सड़क दुर्घटना बीमा, दहेज प्रताड़ना, खर्चा, घरेलू हिंसा, वैवाहिक संबंधी मामले, तलाक और छोटे मामले रखे जाते हैं। 

कैसे लें मुफ्त वकील की सहायता: जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की सचिव मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी समप्रीत कौर ने बताया कि फिलहाल प्राधिकरण के 40 वकील मुफ्त में मुकदमे लड़ रहे हैं। मुफ्त में कानूनी सहायता के लिए लोगों को एक शपथ पत्र देना होता है। वहीं तहसीलदार द्वारा जारी आय प्रमाण पत्र दे सकते हैं। नौकरीपेशा लोग वेतन की पर्ची दे सकते हैं। किसी के पास आय का कुछ भी प्रमाण नहीं है तो पुलिस से वैरिफिकेशन करवाया जाता है। 

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