फोटो गैलरी

Hindi Newsगरीब महिला के ऑपरेशन से इंकार पर केंद्र, एम्स को नोटिस

गरीब महिला के ऑपरेशन से इंकार पर केंद्र, एम्स को नोटिस

एक निर्धन महिला का कथित तौर पर आपरेशन करने से इनकार करने पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने एम्स और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। बिहार की रहने वाली 35 वर्षीय आशा देवी ने कूल्हा प्रत्यर्पण के लिए होने...

गरीब महिला के ऑपरेशन से इंकार पर केंद्र, एम्स को नोटिस
एजेंसीSat, 06 Feb 2016 08:08 PM
ऐप पर पढ़ें

एक निर्धन महिला का कथित तौर पर आपरेशन करने से इनकार करने पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने एम्स और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया।

बिहार की रहने वाली 35 वर्षीय आशा देवी ने कूल्हा प्रत्यर्पण के लिए होने वाले आॠपरेशन के लिए एम्स द्वारा 1 लाख 27 हजार रुपये की अग्रिम राशि जमा करवाने के लिए कहने पर उच्च न्यायालय के आगे गुहार लगाई।

न्यायाधीश मनमोहन ने बिहार सरकार को भी नोटिस जारी कर पूछा है कि गरीब रोगियों को बिहार में ही निशुल्क इलाज क्यों नहीं प्रदान किया जा रहा, जिसके कारण उन्हें बेहतर इलाज के लिए दिल्ली आने पर मजबूर होना पड़ता है।

न्यायालय ने एम्स के चिकित्सा अधीक्षक/निदेशक को आशा देवी मामले की जांच कर 19 फरवरी को होने वाली अगली सुनवाई पर या उससे पहले एक स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश भी दिया।

याचिका में कहा गया है कि एम्स ने ऑपरेशन का भारी-भरकम खर्च वहन न कर पाने के कारण आशा देवी का ऑपरेशन करने से इनकार कर दिया था।

आशा देवी की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने अदालत को बताया कि केंद्र सरकार ने उनके इलाज का खर्च वहन करने से इनकार कर दिया, जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 तहत उन्हें मिले जीवन के मानवाधिकार एवं मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन है।

आशा देवी अशिक्षित हैं, जबकि उनके पति पूरी तरह गूंगे और बेरोजगार हैं। उनके चार बच्चे हैं, जिनमें से तीन बिहार में ही एक सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। आशा देवी के ससुर खेतिहर मजदूर हैं और मुश्किल से महीने भर में पांच-छह हजार रुपये कमा पाते हैं। इसके अलावा परिवार के पास आय का अन्य कोई साधन नहीं है।

करीब छह महीने पहले बिहार में एक चिकित्सक ने उन्हें इलाज के लिए एम्स आने की सलाह दी। इसके बाद आशा देवी इलाज कराने 16 दिसंबर, 2015 को एम्स आ गईं, जहां चिकित्सकों ने उन्हें पूरा कूल्हा प्रत्यर्पित करवाने की सलाह दी। लेकिन एम्स ने ऑपरेशन के लिए उन्हें पहले भारी-भरकम रकम जमा करवाने के लिए कह दिया। इसके बाद उन्होंने अपने अत्यधिक गरीब होने की सूचना देते हुए 19 जनवरी को एम्स और केंद्र सरकार से मुफ्त उपचार की गुहार लगाई।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें