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राजकीय स्कूलों में छायादार जगहों पर होगी प्रार्थना

सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को लू लगने से बचाया जाएगा। इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से प्रदेश के सभी राजकीय स्कूलों के मुखिया को छायादार स्थान पर प्रार्थना सभा आयोजित करने के...

राजकीय स्कूलों में छायादार जगहों पर होगी प्रार्थना
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 22 Apr 2017 11:58 PM
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सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को लू लगने से बचाया जाएगा। इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से प्रदेश के सभी राजकीय स्कूलों के मुखिया को छायादार स्थान पर प्रार्थना सभा आयोजित करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। 11 बजे के बाद खुले स्थान पर किसी प्रकार की गतिविधियां नहीं कराई जाएंगी। 

भीषण गर्मी को देखते हुए शिक्षा विभाग की ओर से दो दिन पूर्व दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। इसके माध्यम से स्कूल के मुख्यिा को कई दिशानिर्देश जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि सुबह की प्रार्थना छायादार जगहों पर करवाई जाए। अगर किसी स्कूल में पेड़ या अन्य छायादार जगह नहीं है तो वह क्लास रूम में ही प्रार्थना सभा आयोजित की जा सकती है। जिससे बच्चों को धूप से बचाया जा सके। वहीं, शिक्षा विभाग के अधिकारियों को लू से शिकार बच्चों को बचाव के संबंध में प्रशिक्षित भी किया जाएगा। जिससे जरूरत पड़ने पर वह छात्रों को प्राथमिक उपचार कर विशेषज्ञ डॉक्टर के पास पहुंचा सके। वहीं, अगर किसी छात्र को बुखार या उल्टी दस्त की शिकायत होती है तो उनके सर पर पट्टी और ओआरएस का घोल पिलाया जाएगा। अगर स्कूल में ओआरएस का घोल नहीं है तो इसे तैयार करना बताया जाएगा।  

क्या होता है लू लगने पर
लू लगने पर शरीर में गर्मी, खुस्की और थकावट महसूस होने लगती है। मसल्स में खिंचाव लगता है, शरीर टूटने लगता है और प्यास बढ़ जाती है। कई बार बुखार बहुत ज्यादा बढ़ जाता है जैसे कि 105 या 106 डिग्री फॉरेनहाइट। यह इमरजेंसी की स्थिति होती है, जिसमें ब्लडप्रेशर भी लो हो जाता है। कुछ छात्रों में लिवर-किडनी में सोडियम पोटैशियम का बैलेंस बिगड़ जाता है। ऐसे में बेहोशी भी हो सकती है। इसके अलावा, बीपी लो, ब्रेन या हार्ट स्ट्रोक की स्थिति भी बन सकती है।

शिक्षकों को दिया जाएगा प्रशिक्षण 
स्कूल के शिक्षकों को लू लगने पर क्या करें विशेषज्ञों द्वारा जानकारी दी जाएगी। जिससे वह जरूरत पड़ने पर छात्रों का प्राथमिक उपचार कर सके। स्कूल हेल्थ की वरिष्ठ डॉक्टर का कहना है कि शिक्षकों बताया जाएगा कि अगर किसी बच्चे को लू लगता है तो ठंडी और छायादार जगह में बिठाएं। उनके कपड़े ढीले कर दें, पानी पिलाएं और ठंडा कपड़ा उसके शरीर और सिर पर रखें। शरीर के तापमान को कम करने की कोशिश करें। लगातार तरल पदार्थ देकर उसके शरीर में पानी की कमी न होने दें। उसके हाथ-पैरों की हल्के हाथों से मालिश करें। नमक व चीनी मिला हुआ पानी, शर्बत आदि दें। गुलाब जल में रुई भिगोकर आंखों पर रखें। 

क्या-क्या हैं लक्षण
बेहोशी आना, तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ, उलटी आना, चक्कर आना, दस्त, सिरदर्द, शरीर टूटना, बार-बार मुंह सूखना और हाथ-पैरों में कमजोरी आना 

एनआईटी पांच स्थित राजकीय वरिष्ठ कन्या विद्यालय की प्रचार्या किरण कौशिक : गर्मी को ध्यान में रखते हुए विभाग की ओर से दिशानिर्देश आया है। बच्चों को छायादार जगह पर सुबह का प्रार्थना कराने का निर्देश दिया गया है। 

सरकारी स्कूलो की संख्या: 385 
- प्राईमरी स्कूल: 254
- माध्यमिक : 48
- हाई स्कूल  :  41
- वरिष्ठ माध्यमिक: 41

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