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अप्रैल में ही बढ़े गर्मी के गंभीर मरीज

नोएडा। वरिष्ठ संवाददाता अप्रैल माह में रिकॉर्डतोड़ गर्मी ने अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ा दी है। गर्मी से होने वाली बीमारियों के गंभीर मरीज भी इलाज के लिए आ रहे हैं। भर्ती विभाग और ओपीडी में...

अप्रैल में ही बढ़े गर्मी के गंभीर मरीज
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 24 Apr 2017 08:50 PM
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नोएडा। वरिष्ठ संवाददाता

अप्रैल माह में रिकॉर्डतोड़ गर्मी ने अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ा दी है। गर्मी से होने वाली बीमारियों के गंभीर मरीज भी इलाज के लिए आ रहे हैं। भर्ती विभाग और ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या एक सप्ताह पहले के मुकाबले दोगुनी हो गई है। इसमें बुजुर्गों की संख्या अधिक है।

जिला अस्पताल में पिछले एक सप्ताह से इंटरनल मेडिसिन की ओपीडी में 90 से अधिक मरीज बुखार, डीहाइड्रेशन, उल्टी दस्त आदि के मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। इनमें से करीब 8-9 मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। यहां की ओपीडी में प्रतिदिन करीब 300 मरीज इलाज के लिए आते हैं।

15 अप्रैल से गर्मी से संबंधित बीमारियों के मरीजों की संख्या 15-20 थी। वहीं कैलाश अस्पताल में डीहाइड्रेशन, डायरिया, उल्टी-दस्त के 30-35 मरीज प्रतिदिन भर्ती हो रहे हैं। यहां भी ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या दो से तीन गुना बढ़ गई है। शहर के अन्य अस्पतालों में भी ऐसे मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं।

आमतौर पर मध्य अप्रैल में गर्मी से होने वाली बीमारियों के इतने गंभीर मरीज नहीं आते। इसबार गर्मी अधिक होने के कारण परेशानी बढ़ी है। कई मरीजों में 105 डिग्री से अधिक बुखार भी देखा गया। लिहाजा बीमारियों से बचाव के लिए एहतियात बरतने की जरूरत है।

डॉ. एके शुक्ला, वरिष्ठ फिजिशयन, कैलाश अस्पताल

पारा 40 से पार पहुंच गया है। ऐसे में बड़े, बुजुर्ग और बच्चों को विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है। खासकर स्कूल जाने वाले बच्चों के रहन-सहन, खानपान पर अभिभावकों को ध्यान देना चाहएि।

डॉ. अजय अग्रवाल, वरिष्ठ फिजिशियन, फोर्टिस अस्पताल

प्रतिदिन 90 से अधिक मरीज गर्मी से होने वाली बीमारियों के हैं। इनमें से गंभीर मरीज भी शामिल हैं। जिन्हें भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या एक सप्ताह से बढ़ी है।

डॉ. विकास कुमार, जिला अस्पताल

यह एहतियात बरतेंस्कूल जाने वाले बच्चे :-स्कूल में प्रार्थना सभा के दौरान अधिक देर तक धूप में न खड़े रहे। छाया में प्रार्थना सभा हो।-धूप में आउटडोर के बजाय इनडोर खेलों को प्राथमिकता दें-तैराकी के लिए सुबह और शाम का वक्त निकालें-कटे फल, बाहर के खाद्य पदार्थ से परहेज करें-धूप में निकलने से पहले संसक्रिन लगाएं-छाते का उपयोग करें-नींबू पानी का सेवन करें, लेकिन यह ध्यान रखे की वह अधिक ठंडा न हो-शुद्ध पेयजल का सेवन करें-नियमित अंतराल पर हाथ को साबुन से धोएंसामान्य और बुजुर्गों के लिए सावधानी-दिन में कम से कम 10 ग्लास पानी का सेवन करें, इसमें कैलोरी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ न डाले-नींबू पानी और शहद का सेवन भी लाभदायक होगा-प्यास नहीं लगने पर भी पानी, जूस आदि का सेवन करें, इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होगी-सुबह मीठे और रसदार फल का सेवन करें, सलाद का भी नियमित रूप से सेवन करें-कैफिन, एल्कोहल, को सेवन न करें। कम से कम चाय लें-सूती के ढीले कपड़े पहने-गर्मी में शारीरिक श्रम से बचेंनवजात और बच्चों के लिए एहतियात-छह माह से कम उम्र के शिशु को नियमित अंतराल पर स्तनपान कराएं-बच्चों की गर्दन, अंगों की दिखने वाले मोड़ को अच्छे तरीके से साफ करें-नहाने के पानी में एक्यूलिप्टस या नीम का तेल डाल सकते हैं-अगर बच्चों को तेल लगाया हो तो उसे नहाने के समय अच्छी तरीके से साफ कर लें-बच्चों को सीधी धूप और गर्म हवाओं से बचाएं-सूती के ढीले कपड़े पहनाएं-बच्चों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर न ले जाएं

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