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BSSC पेपर लीक: बरार के कहने पर विनीत को दिया गया था ठेका

अनंतप्रीत सिंह बरार के कहने पर गुजरात के प्रिटिंग प्रेस के मालिक विनीत कुमार को प्रश्नपत्र छपाने का ठेका दिया गया था। बरार की इतनी चलती थी कि बड़े-बड़े लोग भी उसकी अनदेखी नहीं कर सकते थे। राजनीतिज्ञ...

BSSC पेपर लीक: बरार के कहने पर विनीत को दिया गया था ठेका
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 24 Mar 2017 12:41 PM
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अनंतप्रीत सिंह बरार के कहने पर गुजरात के प्रिटिंग प्रेस के मालिक विनीत कुमार को प्रश्नपत्र छपाने का ठेका दिया गया था। बरार की इतनी चलती थी कि बड़े-बड़े लोग भी उसकी अनदेखी नहीं कर सकते थे।

राजनीतिज्ञ से लेकर अफसरों के बीच बरार बैठकी लगाता था। बिहार में होने वाली हर परीक्षाओं की तारीख और उसके पूरे कार्यप्रणाली की जानकारी होती थी। इधर, बरार के पटना पहुंचने के बाद कई र्कोंचग संचालक भूमिगत हो गए हैं। इनमें कई बड़े नाम हैं। अब एसआईटी उन कोचिंग संचालकों की तलाश में है। बुधवार की देर रात पटना पहुंचने के बाद बरार से घंटो पूछताछ की गई। एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि बरार को कोर्ट में पेश करने की प्रक्रिया जारी है। 

बरार की विदेश में भी संपत्ति: यह बात भी सामने आई है कि बरार की संपत्ति विदेश में भी है। वह बेहद संपन्न है। मर्सिडिज को सौ से अधिक रफ्तार पर चलाने का शौक रखता है। कम उम्र में बरार ने बिहार जैसे कई राज्यों में अपना सिक्का जमा लिया। उत्तर प्रदेश में भी बरार शिक्षा जगत में अच्छी पैठ रखता है। 

परिजन पहुंचे पटना: बरार के परिजन गुरुवार की सुबह पटना पहुंच चुके हैं। काफी देर तक वे पुलिस ऑफिस में भी थे। परिजन यहां के अफसरों के समक्ष अपना पक्ष रखना चाहते हैं। 

खुलने लगे राज
-राजनीतिज्ञ से लेकर अफसरों के बीच बैठकी लगाता था बरार 
-कई घंटों तक चली पूछताछ र्कोंचग संचालकों की तलाश

वाइस चांसलर थे अनंतप्रीत बरार के पिता!
खबर यह भी आ रही है कि बरार के पिता वाइस चांसलर रह चुके हैं। उसके घर में हथियारबंद सुरक्षाकर्मी रहते हैं। 

रात के वक्त कोर्ट में पेश हुआ बरार 
रात के वक्त बरार को एसआईटी ने कोर्ट में पेश कर दिया। इसके बाद उसे जेल भेज दिया गया। एसआईटी ने बेहद गोपनीय तरीके से बरार को कोर्ट में पेश किया। उस वक्त उसके परिजन भी मौजूद थे। इधर, एसएसपी के मुताबिक एसआईटी शुक्रवार को बरार को पांच दिनों के रिमांड पर देने की अर्जी कोर्ट में देगी। बरार को ज्यादा दिनों तक रिमांड पर लेने का कारण है कि एसआईटी उससे पर्चा लीक प्रकरण में दफन राज को सामने लाना चाहती है। 

प्रश्नपत्र सेट करने वाले को भी जानता है 
बीएसएससी के इंटर स्तरीय प्रश्नपत्र को सेट करने वाले नई दिल्ली आईआईटी के प्रोफेसर को भी अनंतप्रीत बरार जानता है। प्रोफेसर ने कुल चार सेट प्रश्नपत्र तैयार किए थे। इन सभी सेटों के आंसरशीट बरार ने बीएसएससी के निलंबित अध्यक्ष सुधीर कुमार के कहने पर तैयार किये थे। 

इधर, सुधीर ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि प्रश्नपत्र प्रोफेसर ने खुद ही सेट किया था या किसी दूसरे प्रोफेसर से कराया था। प्रश्नपत्र पिछले साल अप्रैल में ही सेट करवाया गया था। मगर किसी कारण पिछले साल बीएसएससी परीक्षा का आयोजन नहीं कर सका था। सवाल उठता है कि इस साल दो चरणों में जो परीक्षा बीएसएससी ने 29  जनवरी व पांच फरवरी को ली थी, उसमें उसी प्रोफेसर के सेट किए गए प्रश्नपत्र अभ्यर्थियों को दिए गए या किसी और के सेट किए गये प्रश्नपत्र को।
 
पुलिस को सुधीर कुमार ने जो बयान दिया था वह प्रोफेसर के बयान से मेल नहीं खाता है। इससे लगता है कि सुधीर ने प्रश्नपत्र सेट करने की सही जानकारी एसआईटी को नहीं दी थी। हो सकता है कि सुधीर ने किसी दूसरे प्रोफेसर से प्रश्नपत्र सेट करवाया हो। 

तफ्तीश
-सुधीर कुमार के कहने पर ही बरार ने तैयार किए थे आंसरशीट 
-प्रश्नपत्र सेट करने वाले प्रोफेसर के बारे में हो रही पूरी तफ्तीश 

बरार को थी छपाई की जानकारी 
गुजरात की जिस प्रिटिंग प्रेस में प्रश्नपत्र की छपाई की गयी थी। उसकी भी जानकारी सुधीर ने बरार को दे दी थी। बरार व प्रिंटिंग प्रेस के मालिक विनीत अग्रवाल व मैनेजर अजय सिंह की अक्सर मोबाइल फोन पर बातें हुआ करती थी। एसआईटी को इनके मोबाइल फोन के सीडीआर में बातचीत करने के रिकॉर्ड मिले हैं।
 
20मार्च को दिल्ली एम्स के पास से हुई थी बरार की गिरफ्तारी

असिस्टेंट प्रोफेसर का बयान दर्ज  
बीएसएसपी पेपर लीक मामले में गुरुवार को एसआईटी ने नई दिल्ली आईआईटी के असिस्टेंट प्रोफेसर का बयान कोर्ट में दर्ज कराया है। एसआईटी को जानकारी मिली थी कि जो पेपरलीक हुआ था, उसका प्रश्नपत्र इसी संस्थान के प्रोफेसर ने सेट किया था। बीएसएससी के निलंबित अध्यक्ष सुधीर कुमार ने एसआईटी को यह जानकारी दी थी। एसआईटी के इंस्पेक्टर दीवान एकराम ने निगरानी कोर्ट में नई दिल्ली आईआईटी के असिस्टेंट प्रोफेसर को पेश किया। निगरानी के विशेष न्यायाधीश मधुकर कुमार के निर्देश पर न्यायिक दंडाधिकारी के पास धारा 164 के तहत बयान दर्ज करने के लिए भेज दिया। न्यायिक दंडाधिकारी ने उसका बयान दर्ज किया। 

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