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सुख व शांति के लिये वर्तमान में रहे मनुष्य : रीतेश राज

मनुष्य को अगर सुख व शांति चाहिए तो वह वर्तमान में रहना सीखें, क्योंकि भविष्य हमेशा चिंता देती है और भूत हमेशा दुख। जीवन में व्यक्ति, वस्तु और परिस्थिति चाहे जैसी भी हो, उसे वैसी ही स्वीकार करें। जीवन...

सुख व शांति के लिये वर्तमान में रहे मनुष्य : रीतेश राज
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 23 Apr 2017 12:24 PM
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मनुष्य को अगर सुख व शांति चाहिए तो वह वर्तमान में रहना सीखें, क्योंकि भविष्य हमेशा चिंता देती है और भूत हमेशा दुख। जीवन में व्यक्ति, वस्तु और परिस्थिति चाहे जैसी भी हो, उसे वैसी ही स्वीकार करें। जीवन में जो भी कार्य करें शतप्रतिशत पूरा करें। उक्त बातें आर्ट ऑफ लीभिंग के प्रशिक्षक रीतेश राज ने कही। शहर के अनिल कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स में आयोजित पांच दिवसीय हैप्पीनेस कार्यक्रम रविवार को समाप्त हुआ। आर्ट ऑफ लीभिंग के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में प्रशिक्षक ने प्रणायाम, मस्त्रिका और सुदर्शन का अभ्यास कराया। समापन के दौरान उन्होंने कहा कि दुनियां में सबसे बड़ा रोग है लोग क्या कहेंंगे? हंसने का मन है, रोने का मन है, खाने का मन है तो हम सोचते हैं लोग क्या कहेंगे। कपड़ा फटा है तो उसे ढंकना चाहते हैं क्यों कि लोग क्या कहेंगे। इसलिये दूसरे के मंतव्य का शिकार ना बने, नहीं तो फूटबॉल की तरह दूसरे मारते रहेंंगे। आप अपना रिमोड स्वयं बनें, दूसरे को ना बनने दें। मनुष्य अपने अंदर के अहंकार को मारना सीख लें। उन्होंने कहा कि अहंकार धरती पर ना हो यह संभव नहीं है, लेकिन जिस प्रकार सब्जी में नमक ज्याद होने पर स्वाद बिगड़ जाता है, उसी प्रकार अहंकार बढ़ने पर जिंदगी व जीवन बिगड़ जाता है। कार्यक्रम के सफल आयोजन में शिक्षक सिद्धार्थ शंकर, अमरदीप कुमार, भोला आदि की भूमिका सराहनीय रही। मौके पर सीए पंकज ज्योति, प्रदीप कुमार, मुंद्रिका सिंह, राज कुमार, रवि कुमार, केशव कुमार, संदीप कुमार, प्रो. विपीन कुमार, सुरेंद्र यादव, सौरभ कृष्णा, प्रियंका कुमारी, प्रीति कुमारी, संजय कुमार झा आदि थे।

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