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सरायकेला में गर्मी में नहीं होगा पानी का संकट

सरायकेला-खरसावां में पेयजल संकट नहीं है। जिले में पेयजल की उपलब्धता और स्रोत काफी संख्या में हैं। जिले की आबादी की जितनी आवश्यकता पेयजल की है, उसकी तुलना में उपलब्धता पर्याप्त है। जिले में पेयजल...

सरायकेला में गर्मी में नहीं होगा पानी का संकट
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 16 Apr 2017 08:10 PM
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सरायकेला-खरसावां में पेयजल संकट नहीं है। जिले में पेयजल की उपलब्धता और स्रोत काफी संख्या में हैं। जिले की आबादी की जितनी आवश्यकता पेयजल की है, उसकी तुलना में उपलब्धता पर्याप्त है। जिले में पेयजल आपूर्ति के लिए कई बड़ी और मिनी योजनाएं हैं। इसके अलावे काफी संख्या में चापाकल हैं, इसलिए पेयजल संकट की कोई आशंका नहीं है। जानकारी के मुताबिक जिले में रोजाना करीब 70 लाख लीटर पानी की आवश्यकता है। जितने पानी का आवश्यकता है, उससे करीब 14 लाख लीटर पानी ज्यादा रोजाना जिले में चापाकल से निकाला जाता है। जिले में करीब 14 हजार चापाकल हैं। रोजाना औसतन एक चापाकल से छह सौ लीटर पानी निकलता है। इससे चापाकल से करीब 84 लाख लीटर पानी की रोजाना निकासी कर सकते हैं। जिले में करीब 97 मिनी पाइप लाइन की योजना है। एक मिनी पाइप लाइन योजना से करीब 25 हजार लीटर पानी निकाला जा सकता है। जिले में इसके अलावे आठ बड़ी पेयजल की योजनाएं हैं। एक बड़ी योजना से रोजाना 25 से 40 हजार लीटर पानी की व्यवस्था की जा सकती है। जिले में दो बड़े जलाशय हैं। एक जलाशय छोटा गम्हरिया इलाके में है और दूसरा यशपुर में है। इन दोनों जलाशयों से करीब दो लाख लीटर रोजाना पानी की व्यवस्था की जा सकती है। जिले में पेयजल की कोई संकट की संभावना नहीं है। जिले की आबादी की तुलना में पेयजल की उपलब्धता काफी है, लेकिन जिले में गर्मी के मौसम केा देखते हुए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने जिले के ग्रामीण और शहरी इलाकों में पेयजल की उपलब्धता सामान्य बनी रहे, इसके जिले के हर प्रखंड में एक नोडल पदाधिकारी बना दिया गया है। नोडल पदाधिकारी को दायित्व दिया गया है कि उनके कार्यक्षेत्र में जहां पर भी हैंडपंप खराब होने की सूचना मिलेगी, उसका मरम्मत तत्काल कराने की कोशिश करेंगे, ताकि जिले के किसी भी हिस्से में पेयजल संकट की समस्या जल उपलब्धता होने के बावजूद भी नहीं हो सके। सरायकेला-खरसावां जिल के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता हरेन्द्र मिश्रा ने कहा कि जिले में पेयजल संकट नहीं है। जिले में रोजाना खपत की तुलना में अधिक जल की उपलब्धता है। पेयजल संकट के मद्देनजर ही जिले के हर प्रखंड में नोडल पदाधिकारी नियुक्त कर दिया गया है। जिले में सीनी, नारायणपुर, आमदा, खरसावां, सरायकेला, चांडिल, कपाली और रूगुडीह में बड़ी पेयजल की योजनाएं हैं। इसके अलावा छोटा गम्हरिया और यशपुर में जलाशय हैं।

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