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बड़े शहरों से आए कबूतर सासाराम में भरेंगे तीन घंटे की उड़ान

आप फुटबॉल, क्रिकेट, वॉलीबॉल, बैडमिंटन समेत कई आउटडोर और इंडोर खेल प्रतियोगिताओं के बारे में सुनते और देखते हैं लेकिन कबूतरबाजी के बारे में आज के दौर में शायद ही कभी सुनते होंगे। सासाराम में कबूतरबाजी...

बड़े शहरों से आए कबूतर सासाराम में भरेंगे तीन घंटे की उड़ान
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 06 Apr 2017 12:35 PM
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आप फुटबॉल, क्रिकेट, वॉलीबॉल, बैडमिंटन समेत कई आउटडोर और इंडोर खेल प्रतियोगिताओं के बारे में सुनते और देखते हैं लेकिन कबूतरबाजी के बारे में आज के दौर में शायद ही कभी सुनते होंगे। सासाराम में कबूतरबाजी प्रतियोगिता के बारे में सुनकर आपको आश्चर्य होगा। लेकिन यह सच है। यहां होने वाली कबूतरबाजी के लिए मुम्बई व कोलकाता समेत देश के कई शहरों से कबूतर मंगाए गए हैं। प्रतियोगिता के लिए कबूतरों को अभी से ट्रेंड किया जा रहा है। मई के अंतिम सप्ताह या जून के प्रथम सप्ताह में प्रतियोगिता आयोजित होगी।

तीन घंटे की कबूतरबाजी प्रतियोगिता के लिए कबूतरों को उड़ान भरने व निर्धारित समय में वापस आने की ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके लिए कबूतरबाज अपने-अपने घरों में कबूतरों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। इसबार सासाराम के कबूतरबाजी प्रतियोगिता में मुम्बई और कोलकता के अलावा कानपुर, सहारनपुर, गाजीपुर, जमशेदपुर, इलाहाबाद से भी कबूतर मंगाए गए हैं। एक कबूतर की कीमत पांच सौ से एक हजार रुपए तक है। कबूतरों को अच्छी खुराक दी जा रही है और उन्हें प्रतिदिन तीन घंटे तक उड़ान भरने की ट्रेनिंग दी जा रही है। कबूतरों को सुबह-शाम काजू, बादाम, काजू, पिस्ता, अखरोट, रुआफजा का शर्बत, गाय का दूध दिया जा रहा है।

कैसे होगी प्रतियोगिता

प्रतियोगिता के दिन कबूतरों को सुबह पांच बजे निर्धारित स्थान से उड़ाया जाएगा। कबूतरों को वापस आने के लिए तीन घंटे का समय निर्धारित रहेगा। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले कबूतरबाज अधिकतम 11 कबूतर उड़ा सकते हैं। निर्धारित समय तक जमीन से सौ फीट की उंचाई तक दिखाई पड़ने वाले कबूतरों की गिनती वापस आने वालों में की जाएगी। जिस प्रतिभागी के अधिकतर कबूतर निर्धारित समय में वापस आएंगे, वह विजेता घोषित किया जाएगा। इसके लिए निर्धारित जगहों पर रेफरी को भी तैनात किया जाएगा। रेफरी ही उड़ने वाले कबूतरों को वापस आने का हिसाब रखेंगे।

आयोजनकर्ता व के बौलिया मोहल्ले के रहने वाले छोटू कुमार ने बताया कि सुबह 5:15 से 5:30 बजे तक प्रतियोगिता के लिए कबूतरों को उड़ाया जाएगा। जिस छत से कबूतरों को उड़ाया जाएगा, तीन घंटे बाद उसी छत पर उन्हें आना होगा। कबूतरों को दूसरी जगह बैठने पर उसे अमान्य घोषित किया जाएगा। प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले कबूतरबाज को इनाम दिया जाएगा।

कहते हैं प्रतिभागी

कबूतर प्रतियोगिता में भाग लेने वाले संभावित प्रतिभागी प्रिंस अंसारी, मो. वकील ने बताया कि कबूतरबाजी प्रतियोगिता शौक की चीज है। इसमें कबूतरों की सेवा करने का भी मौका मिल जाता है। यह प्रतियोगिता हर वर्ष सासाराम में आयोजित की जाती है।

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