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नप के घोटालेबाजों पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार

पेज पांच की लीडफरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी की पुलिस बना रही रणनीतिडेहरी। एक प्रतिनिधिसासाराम नगर परिषद में लाइट घोटाले में मुख्य पार्षद सहित कुछ अन्य गिरफ्तारी से डेहरी नगर परिषद में भी लाइट व...

नप के घोटालेबाजों पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 25 Apr 2017 01:55 PM
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फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी की पुलिस बना रही रणनीति

डेहरी। एक प्रतिनिधि

सासाराम नगर परिषद में लाइट घोटाले में मुख्य पार्षद सहित कुछ अन्य गिरफ्तारी से डेहरी नगर परिषद में भी लाइट व डस्टबिन घोटाला करने वालों के हाथ-पांव कांपने लगे हैं। पुलिस ने लाइट घोटाले में नप के पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार तथा मुख्य पार्षद शंभू राम के अलावा सशक्त स्थायी समिति के सदस्य अभियुक्त बनाए हैं। हालांकि कुछ पार्षदों को न्यायालय से एक सप्ताह के लिए गिरफ्तारी पर रोक लगाने से राहत मिली है। लेकिन, कई पार्षद व कर्मियों पर गिरफ्तारी की तलवार लटकती नजर आ रही है।

क्या हुआ था घोटाला

वर्ष 2014 में शहर के रिंग रोड व हर वार्ड में करीब दो करोड़ की लागत से एलईडी व इलेक्ट्रीक पोल लाइट लगाने की योजना बनी थी। इस मामले में आरोप है कि फर्जी तरीके से इस योजना का समाचार पत्र में विज्ञापन निकालकर सीवान के लक्ष्मी कंस्ट्रक्शन एंड इलेक्ट्रीकल्स नामक एजेंसी को कार्य सौंपा गया। तत्कालीन नप ईओ वीरेन्द्र कुमार ने संवेदक राजकुमार अग्रवाल के साथ 25 अक्टूबर 2014 को इकरारनामा करके बजाज कम्पनी के कुल 750 एलईडी लाईट लगाने की स्वीकृति दे दी। नप क्षेत्र के कुल 39 वार्ड में लगने वाले एलईडी लाइट के लिए प्रत्येक एलईडी लाइट 37830 रुपये में खरीदारी तय की गई। कई वार्ड में एलईडी लगे। उसकी मरम्मति की जिम्मेदारी भी दी गई। शहर के रिंग रोड में पोल के साथ हाईमास्क लाइट लगाने के लिए 22 अप्रैल 2015 को उसी कम्पनी के साथ इकरारनामा किया गया।

आरटीआई से हुआ खुलासा

वर्ष 2015 में आरटीआई कार्यकर्ता सुनील सिंह के आवेदन के बाद घोटाले का खुलासा हुआ। यह तथ्य प्रकाश में आया कि समाचार पत्र में फर्जी तरीके से विज्ञापन प्रकाशित करके लाइट लगाने के लिए सीवान के संवेदक को लाभ पहुंचाया गया। सूत्र बताते हैं कि उस कम्पनी से पार्षद, अधिकारी व नप कर्मी एडवांस कमीशन ले चुके थे। हिन्दुस्तान में इस मामले को उजागर करने के बाद डीएम के निर्देश पर जांच की गई।

कौन-कौन हैं आरोपित घोटालेबाज

नप के लाइट घोटाले में तत्कालीन नप के कार्यपालक पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार, नप के मुख्य पार्षद शंभू राम, उप मुख्य पार्षद सुनीता देवी, पार्षद राकेश कुमार सिन्हा उर्फ चिक्कू लाल, जीतेंद्र कुमार व देवेंद्र तथा कुछ नप कर्मी भी आरोपित हैं।

एसपी ने दिया आदेश

पुलिस अधीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लो ने सभी अभियुक्तों की गिरफ्तारी का आदेश दिया है। पुलिस उनकी गिरफ्तारी की रणनीति बना रही है। हालांकि कुछ पार्षदों को न्यायालय से कुछ समय के लिए गिरफ्तारी पर रोक लगायी गई है। लेकिन, संभावना जतायी जा रही है कि आज या कल उन सबकी गिरफ्तारी होगी।

डस्टबिन घोटाले में लापरवाही

पुलिस लाइट घोटाले में सक्रिय हुई, लेकिन डस्टबिन की चोरी के मामले में निष्क्रिय बनी हुई है। कहा जाता है कि डस्टबिन की चोरी के मामले में भी घोटाला हुआ है। चोरी नहीं हुई है।

कहते हैं एसपी

एसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो का कहना है कि घोटाले व अन्य नप से जुड़े मामले में दोषियों के विरुद्ध गिरफ्तारी का सख्त निर्देश दिया गया है।

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कैप्शन- डेहरी नगर परिषद ।

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