नए-पुराने वादों का पूरा लेखा जोखा जुटाते हैं अखिलेश यादव
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव न सिर्फ सपा के शीर्ष स्टार प्रचारक, बल्कि चुनावी अभियान के मुखिया भी हैं। पिता और पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव के चुनाव में खुद को सीमित रखने के कारण प्रत्याशियों के चयन और...
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव न सिर्फ सपा के शीर्ष स्टार प्रचारक, बल्कि चुनावी अभियान के मुखिया भी हैं। पिता और पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव के चुनाव में खुद को सीमित रखने के कारण प्रत्याशियों के चयन और चुनावी रणनीति बनाने से लेकर गठबंधन की जटिलताओं से निपटने तक का दारोमदार उनके कंधों पर आ गया है। प्रदेश और पार्टी की दोहरी जिम्मेदारियों के बावजूद वह सपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशियों के प्रचार में पूरी ताकत झोंक रहे हैं।
सुबह से शुरू होता है बैठकों का दौर
अखिलेश अपने घर 4-विक्रमादित्य मार्ग से सुबह छह बजे सरकारी आवास 5-कालीदास मार्ग पहुंच जाते हैं। अखबारों, टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर चल रही खबरों व लोगों की प्रतिक्रिया से सहयोगी अवगत कराते हैं। फिर कोर ग्रुप के नेताओं के साथ बैठक में रणनीति को अंतिम रूप देते हैं। वह यह भी तय करते हैं कि उन्हें रैली में कौन-सा मुद्दा उठाना है और किस विषय पर क्या जवाब देना है। कानून व्यवस्था और पार्टी नेताओं के भाषणों पर भी उनकी पैनी नजर रहती है। यहीं पर अफसरों से रोज के कामकाज का फीडबैक भी लेते हैं।
‘समझना कि यह नहीं, हम चुनाव लड़ रहे’
रैली के लिए रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री नोट बनाते हैं कि उनकी सरकार ने किस विधानसभा क्षेत्र को क्या सौगातें दी हैं। उन्हें आगे के लिए क्या-क्या वादे करने हैं। अखिलेश रैली में मंच पर प्रत्याशी का नाम लेकर उसका परिचय कराते हैं। साथ ही कहते हैं, ‘समझना कि यह नहीं, हम चुनाव लड़ रहे हैं।’
6-7 रैलियां औसतन करते हैं दिन भर में
150 से ज्यादा जनसभाएं हो चुकी हैं सीएम की
डार्क चॉकलेट हमेशा साथ रखते हैं
नाश्ते में पूड़ी-सब्जी या सैंडविच खाना पसंद।
नाश्ता घर से ही पैक करवाकर चलते हैं। दिन में फल, जूस या हल्का खाना
डार्क चॉकलेट बेहद पसंद। हमेशा साथ रखते हैं।
थोड़ी-थोड़ी देर पर अदरक वाली चाय पीते हैं। गला ठीक रखने को मुलैठी चूसते हैं।
खुशबूदार पानी के स्प्रे से खुद को तरोताजा रखने की कोशिश
सफर के दौरान मोबाइल से संदेशों का आदान प्रदान