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एलजी वेतन का 300 करोड़ दिलाएंगे

राजधानी में 10 दिन से जारी नगर निगम कर्मियों की हड़ताल खत्म कराने के लिए उपराज्यपाल नजीब जंग ने शुक्रवार को पहल की। उन्होंने निगमों के लिए 300 करोड़ रुपये के ऋण का प्रस्ताव दिया। हालांकि हड़ताली...

एलजी वेतन का 300 करोड़ दिलाएंगे
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 05 Feb 2016 11:46 PM
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राजधानी में 10 दिन से जारी नगर निगम कर्मियों की हड़ताल खत्म कराने के लिए उपराज्यपाल नजीब जंग ने शुक्रवार को पहल की। उन्होंने निगमों के लिए 300 करोड़ रुपये के ऋण का प्रस्ताव दिया। हालांकि हड़ताली कर्मचारियों ने यह पेशकश ठुकरा दी। उनका कहना है कि यह समस्या का स्थायी समाधान नहीं है और हमारी हड़ताल जारी रहेगी।

मार्च तक के वेतन की व्यवस्था: एलजी द्वारा घोषित वित्तीय सहायता दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के कोष से मुहैया कराई जाएगी। इस राशि के मिलने के बाद निगमों के पास मार्च 2016 तक के वेतन का इंतजाम हो जाएगा। यह पैसा उत्तरी एवं पूर्वी निगमों को दिया जाएगा। 693 करोड़ और 300 करोड़ रुपये मिलाकर यह धनराशि करीब 1000 करोड़ के आसपास होगी।

चौथे वित्त आयोग पर बात: उपराज्यपाल ने हड़ताली कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि दीर्घकालीन समाधान के लिए जल्द ही चौथे वित्त आयोग की रिपोर्ट को लागू करने के लिए दिल्ली सरकार से बात की जाएगी।

महापौरों से मुलाकात: वेतन मामले में शुक्रवार को नजीब जंग ने तीनों नगर निगमों के महापौर एवं कर्मचारी यूनियन के प्रतिनिधियों से अलग-अलग मुलाकात की। उपराज्यपाल ने कहा कि  हड़ताल से दिल्ली वालों को काफी परेशानी हो रही है। लोगों की दिक्कतों को देखते हुए उन लोगों को अपनी हड़ताल वापस ले लेनी चाहिए।
 
150 यूनियन भी विरोध में उतरेंगी: उपराज्यपाल से मुलाकात में मजदूर संघ की यूनियन ने कहा कि यदि वेतन बकाये, एरियर का मसला जल्द नहीं सुलझाया गया तो सभी 150 यूनियन भी निगम कर्मचारियों की हड़ताल में सहयोग करेंगी। कर्मचारी यूनियन के नेताओं ने कहा कि राज्य व केंद्र सरकार इस मामले में जिम्मेदारी एक दूसरे पर डाल रहे हैं। इससे आने वाले दिनों में कानून-व्यवस्था खराब हो सकती है। संघ ने केंद्रीय मंत्री के साथ इस मामले में बैठक कराने की मांग की।

दिल्ली सरकार और एमसीडी की लड़ाई के चलते राजधानी के नागरिक बेहद परेशान हो रहे हैं।  ये एमसीडी की जिम्मेदारी है। शहर में ऐसे हालात की इजाजत कोर्ट नहीं दे सकता। यदि तनख्वाह मिल गई है तो कर्मचारी शहर के बाशिंदों को परेशान नहीं कर सकते।
-दिल्ली हाईकोर्ट

 

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