गांवों में हर तीसरा परिवार भूमिहीन
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सामाजिक आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना 2011 के आंकड़े जारी किए। इस रिपोर्ट के मुताबिक देश के गांवों में हर तीसरा परिवार भूमिहीन है। देश के 17 करोड़ 91 लाख ग्रामीण परिवारों...
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सामाजिक आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना 2011 के आंकड़े जारी किए। इस रिपोर्ट के मुताबिक देश के गांवों में हर तीसरा परिवार भूमिहीन है। देश के 17 करोड़ 91 लाख ग्रामीण परिवारों में से करीब 10 करोड़ 69 लाख परिवार वंचित माने गए हैं। सिर्फ 4.6% ग्रामीण परिवार आयकर देते हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली और ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने ये आंकड़े जारी किए।
पहली डिजिटल जनगणना: 1932 के बाद देश में पहली बार जाति आधारित गणना हुई। ग्रामीण इलाकों में रहने वाले 21.53% यानी 3.86 करोड़ परिवार अनुसूचित जाति-जनजाति के हैं। जेटली ने कहा कि यह दस्तावेज धर्म, समुदाय, जाति समूह और आर्थिक समूह के संबंध में विभिन्न किस्म के ब्योरे देता है और हमें इस आकलन का मौका देता है कि भारत में परिवारों ने कितनी प्रगति की है। हालांकि, केंद्र सरकार ने जाति आधारित गणना को सार्वजनिक नहीं किया है।
640 जिलों के आंकड़े : यह ताजा जनगणना ग्रामीण विकास मंत्रालय की अगुवाई में देश के 640 जिलों में की गई। जारी किए गए आंकड़ों में सिर्फ गांवों की ही स्थिति का जिक्र है। इन आंकड़ो के आधार पर देश में गरीबों की संख्या नए सिरे से तय होगी। नए मानकों के आधार पर तय लाभार्थियों का चयन होगा।