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मुलायम-अखिलेश मिले और सपा संकट हुआ खत्म, शिवपाल ने किया एलान

समाजवादी पार्टी में टिकट वितरण को चल रहा घमासान शनिवार को एक बार फिर रोचक और भावनाओं के सागर में उतरता-डूबता रहा। कद्दावर मंत्री आजम खां के हस्तक्षेप के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व रामगोपाल यादव की...

मुलायम-अखिलेश मिले और सपा संकट हुआ खत्म, शिवपाल ने किया एलान
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 31 Dec 2016 06:38 PM
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समाजवादी पार्टी में टिकट वितरण को चल रहा घमासान शनिवार को एक बार फिर रोचक और भावनाओं के सागर में उतरता-डूबता रहा। कद्दावर मंत्री आजम खां के हस्तक्षेप के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व रामगोपाल यादव की वापसी हुई और कलह अब थमती सी नज़र आ रही है। चौबीस घंटे के भीतर ही बदले घटनाक्रम के तहत सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने इन दोनों का निष्कासन रद्द करते हुए उन्हें पार्टी में ले वापस ले लिया।

सपा सरकार में कद्दावर मंत्री आजम खां सुलह समझौते के सूत्रधार बने और शिवपाल यादव ने मुलायम के घर पर हुई बैठक के तुरंत बाद ट्वीट कर कहा कि , ‘नेताजी के आदेश अनुसार, अखिलेश यादव व रामगोपाल का पार्टी से निष्कासन तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाता है। सब साथ मिलकर सांप्रदायिक ताकतों से लड़ेंगे और प्रदेश में फिर से पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएंगे।

आजम ने की सुलह की पहल
आजम खां दोनों खेमों की बैठक को लेकर चल रही तैयारियों के बीच पहले सुबह 11 बजे मुलायम सिंह के आवास पर गए। उन्होंने किसी भी बैठक में जाने से इनकार कर दिया। वहां एक घंटे तक बातचीत हुई। इसके बाद भारी-गहमी के बीच आजम खां मुलायम का संदेशा लेकर 12 बजे मुख्यमंत्री आवास गए। जहां अखिलेश विधायकों की मीटिंग कर रहे थे। वहां से अखिलेश जिस गाड़ी से मुलायम सिंह के घर पहुंचे, उसमें भी अखिलेश के साथ आजम खान और महाराष्ट्र सपा के अध्यक्ष अबु आजमी मौजूद रहे। अखिलेश सीएम आवास से निकले और आजम खां के संग मुलायम के घर पहुंचे और बातचीत शुरू हुई। सूत्रों के मुताबिक बैठक में अमर सिंह को पार्टी से निकालने, अपने समर्थकों को टिकट देने की मांग रखी गई। इस बीच शिवपाल को फोन करके बैठक में बुला लिया गया। वह 12.51 बजे बेटे आदित्य के साथ मुलायम सिंह के घर पहुंच गए। वहां मान-मनौव्वल के बीच तय हुआ कि अखिलेश व राम गोपाल को पार्टी में वापस लिया जाएगा। टिकटों को लेकर सब मिलकर फैसला करेंगे और दोबारा से समीक्षा की जाएगी। मुख्यमंत्री अखिलेश के जो सुझाव हैं उन पर ध्यान दिया जाएगा। टिकट वितरण में मुख्यमंत्री के एतराज व मांग पर ध्यान दिया जाएगा। इस तरह पुरानी सभी लिस्ट रद्द करते हुए फिर से नई सूची जारी होगी।

अखिलेश ने दिखा दी ताकत
शनिवार को अखिलेश खेमे ने अधिकांश विधायकों व मंत्रियों को अपने पाले में लाकर ताकत का अहसास करा दिया। रणनीति के तहत इस खेमे ने यह भी तय कर लिया कि बैठक एक घंटा देर से शुरू हो ताकि यहां आने वाले विधायक के सपा दफ्तर में होने वाली बैठक में जाने की गुंजाइश न रहे। करीब सवा दस बजे बैठक शुरू हुई। इस शक्ति प्रदर्शन में अखिलेश अपने पिता व पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह और चाचा शिवपाल पर भारी पड़ते दिखे। इस मीटिंग में 207 विधायक व 37 एमएलसी पहुंचे। इनमें 25 से ज्यादा तो मंत्री थे। विधायकों सीएम आवास पहुंचने से शिवपाल समर्थक मायूस हो गए। कुछ विधायक वहां से निकलना भी चाहते तो उन्होंने कदम खींच लिए।

मुलायम की बैठक से ज्यादातर ने किया किनारा
सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह ने पार्टी दफ्तर में सबेरे साढ़े 10 बजे सभी प्रत्याशियों की बैठक बुला रखी थी। अधिकांश विधायकों के सीएम आवास की ओर रुख करने के बाद इसका समय एक बजे कर दिया गया। इस बीच आजम खां की सुलह सफाई की कोशिशों से माहौल में तल्खी खत्म होने लगी। सपा दफ्तर में तय बैठक नहीं हुई।

बताया जा रहा है कि पार्टी कार्यालय में सुरक्षा अधिकारियों को 402 लोगों के आने की सूची दी गई थी लेकिन दोपहर 12 बजे तक बहुत कम लोग वहां पहुंचे। इनमें भी ज्यादातर संगठन के लोग थे। विधायकों की तादाद बहुत कम रही। बैठक के लिए केवल 20 मंत्री और विधायक पहुंचे तो करीब 153 से ज्यादा प्रत्याशी शामिल थे। जबकि मुलायम ने 395 प्रत्याशी घोषित कर रखे हैं।

विधायकों की बैठक में भावुक हुए अखिलेश
इससे पहले अखिलेश ने अपने सरकारी आवास 5, कालिदास मार्ग पर समर्थक विधायकों व मंत्रियों के साथ बैठक की। बताया जाता है कि इसमें 200 से अधिक विधायक पहुंचे। अखिलेश यादव बैठक में भावुक हो गए और कहा, मैं अपने पिता से अलग नहीं हूं। मैं यूपी जीत कर उन्हें तोहफे में दूंगा। उन्होंने साफ कहा कि वो नेताजी से दूर नहीं हैं। बैठक में वो विधायकों के सामने रो पड़े और कहा कि कुछ लोग हमें दूर करने का प्रयास कर रहे हैं।

अखिलेश की बैठक में पहुंचे विधायकों ने उनके प्रति अपना समर्थन जताया। इस समर्थन से अखिलेश अभिभूत नज़र आए और विधायकों का आभार जताया। उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि वे हंगामा ना करें। उनके समर्थक अपने हाथों में बैनर पोस्टर लेकर आए थे।

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