शराबबंदी की मांग: शराबी के जनाजे की नमाज अदा नहीं कराएंगे यहां के इमाम
शराब से तौबा नहीं की तो कोई भी इमाम या मौलाना शराबी के जनाजे की नमाज तक अदा नहीं कराएगा। शुक्रवार को यूपी के सहारनपुर में इमामों और बुद्धिजीवियों की बैठक में यह फैसला लिया गया। इसके लिए छह सदस्यों की...
शराब से तौबा नहीं की तो कोई भी इमाम या मौलाना शराबी के जनाजे की नमाज तक अदा नहीं कराएगा। शुक्रवार को यूपी के सहारनपुर में इमामों और बुद्धिजीवियों की बैठक में यह फैसला लिया गया। इसके लिए छह सदस्यों की टीम का गठन किया गया है जो पूरे जिले में लोगों को शराब के सेवन करने से रोकेंगे। बैठक में प्रदेश सरकार से भी शराब बंदी की मांग की गई है।
शुक्रवार को पुराना चिलकाना रोड स्थित कारी इसहाक गोरा के आवास पर जिले के इमामों एवं बुद्धिजीवियों की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता इमाम सहारनपुर कारी इसहाक गोरा व मुफ्ती अरशद गोरा ने की तथा संचालन मौलाना जुल्फकार ने किया। बैठक में कारी इसहाक गोरा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जिस तरह से अवैध बूचड़खानों को बंद कराया है वह साहसिक कदम है।
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उन्होंने प्रदेश सरकार से शराब बंदी करने की भी मांग की है। बैठक में सर्वसम्मति से छह सदस्यों की कमेटी गठीत की गई है। इसमें मौलाना शाकिर, काजी शमीम, मौलाना फैसल सिद्दीकी, कारी असजद कासमी, इसरार चौधरी, मौलाना शौकत को सदस्य बनाया है। कमेटी पूरे जिले में लोगों को शराब का सेवन न करने के लिए जागरूक करेगी। इसके साथ ही चेतावनी भी जारी की गई है कि यदि किसी ने शराब से तौबा नहीं की तो कोई भी इमाम व मौलाना शराबी के जनाजे की नमाज तक अदा नहीं कराएगा।
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बैठक में दहेज को लेकर भी बड़ा फैसला लिया गया। तय हुआ कि जिस विवाह में दहेज का लेनदेन होगा या शरीयत के खिलाफ कोई काम होगा वहां निकाह नहीं पढ़ाया जाएगा। मौलाना जहीर फातमी ने कहा कि जनाजे की नमाज न पढ़ाने का फैसला ऐतिहासिक हो सकता है। फैसले के बाद कम से कम मुस्लिम समाज में शराब का सेवन करने वालों की संख्या कम होगी। बैठक में मौलाना अब्दुल रहमान, कासमी, मौलाना वकील कासमी, हाफिज हारून, दिलकश, हकीम दाऊद, डा. अजीज शाह, आरिफ खान आदि मौजूद रहे।