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कांवड़ यात्रा: भक्ति संग देशभक्ति के अनेक रंग

कंधे पर कांवड़ और लहराते तिरंगे। बारिश और उमस भरी गरमी से बेखबर। न किसी के चेहरे पर थकान है और न ही कोई जल्दी। पांव में छाले तो मुंह पर बोल बम संग भारत माता की जय के नारे। स्वतंत्रता दिवस अभी दूर है।...

कांवड़ यात्रा: भक्ति संग देशभक्ति के अनेक रंग
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 28 Jul 2016 11:16 PM
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कंधे पर कांवड़ और लहराते तिरंगे। बारिश और उमस भरी गरमी से बेखबर। न किसी के चेहरे पर थकान है और न ही कोई जल्दी। पांव में छाले तो मुंह पर बोल बम संग भारत माता की जय के नारे। स्वतंत्रता दिवस अभी दूर है। बावजूद, पूरा हाईवे भक्ति संग देशभक्ति के विविध रंगों से सराबोर है। कांवड़ियों संग कांवड़ मार्ग का हर बच्चा, बूढ़ा और जवान आस्था के समुद्र में देशभक्ति की लहरों पर सवार है। माहौल शिवरात्रि का, लेकिन देशभक्ति भी कम नहीं है। ऐसा लग रहा है मानो इस बार कांवड़िये भोले के साथ देश के लिए कांवड़ ला रहे हों।

किसी कांवड़िये ने अपने चेहरे पर तिरंगा पुतवा रखा है तो कोई लंबा झंडा लहराता हुआ चल रहा है। लोगों को इस बार कांवड़ यात्रा के साथ अभी से स्वतंत्रता दिवस का अहसास हो रहा है। दिल्ली के नांगलोई इलाके के कांवड़िये बड़े वाहन पर लगे डीजे पर देशभक्ति धुनों के बीच डांस करते हुए चल रहे थे। इस बार सेवा शिविरों का नजारा भी बदला हुआ है। यहां भी भक्ति संग देशभक्ति के गीत चल रहे हैं। दिनभर इन शिविरों में भोलों को नाचते हुए देखा जा सकता है।

तिरंगे में रंग दी कांवड़
हाईवे पर तमाम कांवड़िये ऐसे दिखे, जिन्होंने अपनी कांवड़ को पूरी तरह तिरंगे में रंग दिया। एक कांवड़ तो बांस की लकड़ी से गेटनुमा बनी हुई थी, जो तिरंगे का रूप धारण किए हुए थी। दूसरी कांवड़ पर केसरिया, सफेद और हरे रंग का कपड़ा लगाकर उसे भव्य रूप दिया गया था।

आस्था और देशप्रेम का अनूठा संगम
सिवाया टोल प्लाजा के समीप परमधाम न्यास की ओर से एक गैलरी बनाई गई है। इस गैलरी के दोनों ओर तिरंगे लगे हैं। आजाद भगत सिंह, चंद्रशेखर, सुभाष चंद्र बोस समेत अन्य महापुरुष और शहीदों की तस्वीरें इसमें लगी हैं। यहां पहुंचते ही कांवड़िये भारत माता की जय के नारे लगा रहे हैं।

तिरंगों की बिक्री बढ़ी
कंकरखेड़ा फ्लाईओवर के समीप सड़क किनारे तिरंगा बेच रहा बबलू इस बार बेहद खुश है। बबलू बोला, हर बार तिरंगे बस 26 जनवरी और 15 अगस्त पर बिकते हैं। मगर अबकी बार ऐसा दिख रहा है जब कांवड़िये भी तिरंगे के रंग में रंगे हुए हैं। बबलू रोजाना 200 से ज्यादा झंडे बेच रहा है। झंडा बेचना भले ही बबलू के लिए व्यवसाय हो, मगर हर हाथ में तिरंगा देख वह मन ही मन खुश है। मोदीनगर से खतौली तक हाईवे पर 40 से ज्यादा लोग तिरंगे बेच रहे हैं।

भोले संग देश के लिए लाए कांवड़
हरिद्वार से कांवड़ लेकर आ रहे दिल्ली के नांगलोई निवासी श्रीपाल बोले, भोले के लिए कांवड़ तो हर बार लाते हैं। इस बार वह भोले संग देश के लिए कांवड़ लाए हैं। लोनी गाजियाबाद के रहने वाले विष्णु कहते हैं कि जब हरिद्वार में सबको कांवड़ पर तिरंगा लगाते हुए देखा तो अपनी कांवड़ पर भी तिरंगा लहरा दिया। किसी ने अपनी कांवड़ पर तिरंगा लगाया है तो किसी ने ऑटो, बाइक, कार, ट्रैक्टर-ट्रॉली पर। लक्ष्मीनगर दिल्ली के कांवड़िये का कहना है कि देश में अमन-चैन कायम रहने की मनोकामना रहने के साथ वह तिरंगा लगाकर कांवड़ लाए हैं।

एक कांवड़ देश के नाम
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के आह्वान पर इस बार काफी कांवड़िये ‘एक कांवड़ देश के नाम’ लेकर आ रहे हैं। आरएसएस ने मेरठ से ही चार हजार कांवड़ लाने का लक्ष्य रखा है। दूसरे जनपदों से भी लोग आरएसएस के आह्वान पर देश के लिए कांवड़ लेकर आ रहे हैं।

गंगाजल कांवड़ का बढ़ा क्रेज
इस बार गोमुख, हरिद्वार से कलशों में गंगाजल भरकर कांवड़ लाने का क्रेज बढ़ा है। दिल्ली के 150 कांवड़ियों का ग्रुप इस बार गंगाजल कांवड़ लेकर आ रहा है। सभी कलशों में 20 से 25 लीटर तक गंगाजल भरा हुआ है। शायद पहली बार ऐसा दिख रहा है जब इतनी बड़ी संख्या में कांवड़िये कलशों में गंगाजल लेकर कांवड़ संग आ रहे हैं।

अमर शहीदों के लिए चढ़ाएंगे जल
अखिल भारतीय हिंदू शक्ति दल के जिलाध्यक्ष ऋषिराज शर्मा के नेतृत्व में गुरुवार को औघड़नाथ मंदिर पर कई कांवड़िये साइकिल से पहुंचे। उन्होंने कहा कि वे हरिद्वार से साइकिल से गंगाजल लाकर चढ़ाएंगे। साथ ही भगवान से प्रार्थना करेंगे कि देश में सुख, शांति व समृद्धि बनी रहे। देश के उन अमर शहीदों की आत्मशांति के लिए भी जल चढ़ाएंगे, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।

 

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