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Hindi Newsअयोध्या विवाद: हिन्दू पक्ष समझौते को तैयार नहीं, मुस्लिम पक्ष को SC पर पूरा भरोसा

अयोध्या विवाद: हिन्दू पक्ष समझौते को तैयार नहीं, मुस्लिम पक्ष को SC पर पूरा भरोसा

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लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 21 Mar 2017 04:22 PM

अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुलह समझौते की पहल पर इस विवाद से जुड़े हिन्दू पक्ष ने असहमति जताई है। वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना है कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है। विवाद के एक प्रमुख पक्षकार राम लला विराजमान के वकील मदन मोहन पाण्डेय ने 'हिन्दुस्तान' से बातचीत में कहा कि मंदिर-मस्जिद विवाद के निपटारे के लिए किसी भी संबंधित पक्ष ने समझौते के बाबत सुप्रीम कोर्ट में कोई प्रार्थना पत्र नहीं दिया है। 

पाण्डेय का तर्क है कि सीपीसी के सेक्शन 89 में यह प्रावधान तो है कि अदालत सभी पक्षों से किसी मसले पर अपनी राय व्यक्त करने को कहा सकती है मगर वह समझौते के लिए बाध्य नहीं कर सकती। उन्होंने हाईकोर्ट लखनऊ के तीन जजों की बेंच द्वारा वर्ष 2010 में दिए गए फैसले के हवाले से कहा कि अदालत ने भी यह माना है कि विवादित ढांचे के मुख्य गुम्बद वाली जमीन रामलला का जन्मस्थान है। 

उन्होंने कहा कि अगर अन्य पक्षों की तरफ से कोई प्रस्ताव आता है तो रामलला विराजमान की तरफ से उस पर विचार किया जा सकता है मगर समझौता किसी भी सूरत में मंजूर नहीं होगा। इस पूरे प्रकरण में भाजपा नेता सु्ब्रहमण्यम स्वामी, जस्टिस पलोक बसु और पूर्व एटार्नी जनरल मिलन बनर्जी आदि की भूमिका के बारे में पाण्डेय ने कहा कि इन सबका विवाद से सीधे तौर पर कोई लेना देना नहीं है और न ही यह पक्षकार हैं। 

विवाद से जुड़े एक अन्य हिन्दू पक्षकार हिन्दू महासभा के वकील हरीशंकर जैन ने भी कहा कि इस मामले में समझौता करना पूरी तरह नामुमकिन है। उन्होंने भी तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट किसी भी पक्ष को समझौता करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। जैन के अनुसार हाईकोर्ट लखनऊ में चली लम्बी सुनवाई में सारे तथ्य हिन्दुओं के पक्ष में आए हैं। 

अयोध्या के विवादित स्थल की सारी जमीन भगवान रामलला की जन्मभूमि है। यह हिन्दुओं की आस्था से जुड़ा महत्वपूर्ण प्रश्न है, भगवान की जमीन किसी को भी देने का कोई अधिकार नहीं है। जहां तक बातचीत का सवाल है तो बातचीत तो हो सकती है मगर बातचीत से फैसला नहीं हो सकता, फैसला तो सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में ही होगा।

उधर, इस विवाद की अदालती कार्रवाई में लम्बे अरसे से मुसलमानों का पक्ष रखने वाले अधिवक्ता जफरयाब जीलानी एडवोकेट का कहना है कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है। भारत के मुख्य न्यायाधीश अगर मध्यस्थता करने की पहल करते हैं तो इसके लिए मुस्लिम पक्ष पूरी तरह तैयार है मगर किसी बाहरी व्यक्ति की मध्यस्थता स्वीकार नहीं होगी। जीलानी ने कहा कि इससे पहले दो-दो प्रधानमंत्रियों ने इस विवाद को बातचीत और सुलह समझौते से हल करवाने की कोशिश की मगर कामबयाबी नहीं मिली।

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अयोध्या विवाद: हिन्दू पक्ष समझौते को तैयार नहीं, मुस्लिम पक्ष को SC पर पूरा भरोसा

सुब्रहमण्यम स्वामी से कोई बात नहीं करेंगे: जीलानी

1990 में तत्कालीन प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर द्वारा मुलायम सिंह यादव, शरद पवार और भैरों सिंह शेखावत के साथ कई बार बैठकें की गईं मगर बात नहीं बनीं। इसी तरह नरसिम्हाराव ने भी सुबोधकांत सहाय आदि के साथ मिलकर बातचीत करवाई मगर वह भी असफल रहे। इससे पूर्व 1986 में शंकराचार्य ने भी प्रयास किया मगर उस वक्त भी समझौता नहीं हो सका। सुब्रहमण्यम स्वामी के बारे में जीलानी ने कहा कि वह इस विवाद में पक्षकार नहीं हैं और उनसे कोई बात मुस्लिम पक्ष करेगा भी नहीं।

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अयोध्या विवाद: हिन्दू पक्ष समझौते को तैयार नहीं, मुस्लिम पक्ष को SC पर पूरा भरोसा