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अस्पताल ने छुट्टी का बहाना बना गर्भवती को नहीं किया भर्ती, मौत

यूपी के बागपत में मानवता आज एक बार फिर शर्मसार हुई। गर्भवती को प्रसव पीड़ा हुई तो परिजन पहले बागपत सीएचसी और फिर जिला अस्पताल लेकर पहुंचे मगर छुट्टी का बहाना बनाकर गर्भवती को भर्ती नहीं किया गया। बाद...

अस्पताल ने छुट्टी का बहाना बना गर्भवती को नहीं किया भर्ती, मौत
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 14 Sep 2016 01:27 PM
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यूपी के बागपत में मानवता आज एक बार फिर शर्मसार हुई। गर्भवती को प्रसव पीड़ा हुई तो परिजन पहले बागपत सीएचसी और फिर जिला अस्पताल लेकर पहुंचे मगर छुट्टी का बहाना बनाकर गर्भवती को भर्ती नहीं किया गया। बाद में एक निजी अस्पताल में उसकी मौत हो गई। जहां से उसका शव बाहर फेंक दिया गया। पीड़ित पक्ष ने कोतवाली पर अस्पताल संचालक के खिलाफ तहरीर दी है। 

देशराज मोहल्ला निवासी बाबू खां ने बताया कि उसकी गर्भवती पत्नी नरगिस की तबीयत मंगलवार को खराब हुई। उसे पहले वह बागपत सीएचसी ले गया जहां बकरीद की छुट्टी के बहाने दर्द से कराह रही उसकी पत्नी को भर्ती नहीं किया गया। जिला अस्पताल ने भी उसे भर्ती करने से इंकार कर दिया। आखिरकार वह पत्नी को लेकर नगर के नैन नर्सिंग होम में पहुंचा, जहा पर भर्ती करने के लिए 25 हजार रुपये मांगे गए। उसने पत्नी को भर्ती कराने के लिए रुपयो का इंतजाम करने को राष्ट्र वन्दना चौक पर लोगों से भीख मांगी मगर 25 हजार रूपये नहीं जुट सके। आखिरकार ब्याज पर 25 हजार रूपये लेकर गर्भवती को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया।

आरोप है कि अस्पताल में पत्नी को सही उपचार नहीं मिला। इसके कारण बुधवार को सवेरे पांच बजे उसकी मौत हो गई। उसके बच्चे की मृत बताया गया। अस्पताल के कर्मचारियों ने शव को अस्पताल से घसीटकर बाहर फेंक दिया। विरोध करने पर उसे पीटा भी गया।

नरगिस की मौत की जानकारी होने पर जुटे परिजनों ने अस्पताल के बाहर जमकर हंगामा किया। अस्पताल में तोड़फोड़ का भी प्रयास किया गया। चार घण्टे तक शव को रखकर जमकर हंगामा किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने जैसे-तैसे मामला शांत कराया। कोतवाल मुकेश कुमार ने एफआईआर के आधार पर जांच की बात कही है।

एम्बुलेंस भी नही पहुंची
बाबू खां का कहना है कि बार बार फोन करने के बाद भी एम्बुलेंस ने गर्भवती को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली। 102 व 108 एम्बुलेंस प्रभारी जयविंद्र सिंह ने एम्बुलेंस के न पहुंचने के मामले की जांच कराने की बात कही है। 

जांच कराई जाएंगी
सीएमओ डॉ रविन्द्र कुमार का कहना है कि मामले का पता लगा है। जांच कराकर विभाग भी कार्रवाई करेगा।
 
बीमारी ने बना दिया एक लाख का कर्जदार

बाबू खां ने बताया कि वह गांवो में फेरी लगाकर चप्पल व जूते बेचकर परिवार का गुजरा करता है। परिवार के सदस्यों के बीमार होने के कारण अब तक उस पर एक लाख से अधिक का कर्ज हो चुका है।
 

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